भरतपुर. शहर में बिजली की सप्लाई का सिस्टम बेहद खराब है. बिजली विभाग हर तीसरे दिन कई घंटे बिजली काट रहा है. हवाला यह दिया जा रहा है कि बिजली लाइन के मेंटेनेंस के कारण बत्ती गुल है. असल में भरतपुर में बिजली सप्लाई कर रहा बीईएसएल खुद बिजली चोरी और छीजत से परेशान है. रिपोर्ट देखिये...
भरतपुर में बीईएसएल की 'बत्ती गुल' बिजली पर निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में कई घंटों बिजली जाना यानी शहर की रफ्तार थम जाना. शहरवासी मनोज सिंघल ने बताया कि आए दिन बिजली कटौती की समस्या का सामना करना पड़ता है. बिजली कटौती के दौरान कई बार ऑफिस कार्य ठप हो जाते हैं. घरों में काम करने वाली ग्रहणी न रसोई में काम कर पाती हैं, न वाशिंग मशीन से कपड़े धो पाती हैं. बिजली कटौती के चलते बच्चों को घर में पढ़ाई करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
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शहरवासी लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने बताया कि कई बार तो 3-4 घंटे की बिजली कटौती हो जाती है. जिससे सभी लोग काफी परेशान होते हैं. इस संबंध में जब टोल फ्री नंबर पर फोन करके जानकारी मांगी जाती है तो वहां से भी सही जवाब नहीं मिलता.
भरतपुर शहर में बिजली व्यवस्था ऐसे समझिए शहर की बिजली व्यवस्था
बीईएसएल के सीईओ जयंत चौधरी ने बताया कि भरतपुर शहर में करीब 60 हजार उपभोक्ता हैं. सर्दी के मौसम में इन उपभोक्ताओं को हर दिन करीब 5-6 लाख यूनिट बिजली हर दिन सप्लाई की जाती है. गर्मी के मौसम में यह मात्रा 10 से 11 लाख यूनिट तक पहुंच जाती है. शहर भर के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए बीएसएल के पास मोतीझील जीएसएस, 9 अन्य जीएसएस और 40 फीडर उपलब्ध हैं.
भरतपुर इलेक्ट्रिसिटी सर्विसेज लिमिटेड को 4 साल से भरतपुर में बिजली सप्लाई की जिम्मेदारी जिम्मेदारों के दावे
सीईओ जयंत चौधरी ने बताया कि जेवीवीएनएल से शहर की बिजली व्यवस्था का जिम्मा लेते समय बीएसएल को 16 पावर ट्रांसफार्मर मिले थे. जिन को बढ़ाकर अब 18 कर दिया गया है. पावर ट्रांसफार्मर के साथ ही जीएसएस का भी हर वर्ष मेंटेनेंस करना पड़ता है. जिससे कि शहर वासियों को गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई की जा सके. जयंत चौधरी ने बताया कि बीते 4 साल में जेवीवीएनएल के करीब 40 पुराने ट्रांसफार्मर को बदलकर नए ट्रांसफार्मर लगा दे रहे हैं. साथ ही अन्य 20 ट्रांसफार्मर और लगाए गए हैं. जिम्मेदारों की मानें तो भरतपुर शहर में फिलहाल अवधिपार या खराब हालत में एक भी ट्रांसफार्मर नहीं है.
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जयंत चौधरी ने बताया कि बीईएसएल की ओर से रखरखाव करने से पहले शहर वासियों को बिजली कटौती के बारे में सूचित किया जाता है. साथ ही बीईएसएल की ओर से रखरखाव कार्य अधिकतर उस समय किया जाता है जब आर वी वी एन एल की ओर से भी रखरखाव कार्य किया जा रहा है. ताकि शहर वासियों को कम से कम बिजली कटौती का सामना करना पड़े.
बिजली सप्लाई बाधित होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित 4 साल में नहीं सुधार पाए एलटी लाइन के हालात
जयंत चौधरी ने बताया कि भरतपुर शहर में फिलहाल एलटी लाइन के हालात काफी खराब हैं. जिसके रखरखाव की आवश्यकता है. बीईएसएल की ओर से इसका रखरखाव भी जल्द किया जाएगा. इसमें अभी करीब 2 साल तक का वक्त लग सकता है. इतना ही नहीं भरतपुर शहर में बिजली फाल्ट के अधिकतर मामले एलटी लाइन की खराब हालत की वजह से होते हैं.
हर तीसरे दिन बिजली लाइन में आ जाती है गड़बड़ हर दिन करीब एक लाख यूनिट बिजली चोरी
सीईओ जयंत चौधरी की मानें तो फिलहाल भरतपुर शहर में हर दिन करीब पांच से छह लाख यूनिट बिजली सप्लाई होती है. जिसमें से हर दिन करीब एक लाख यूनिट बिजली की छीजत हो रही है. ऐसे में हालात स्पष्ट है कि बीईएसएल बीते 4 साल में शहर में बिजली चोरी की घटनाओं पर सख्ती से लगाम नहीं लगा पाया है. हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि बिजली चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए समय-समय पर प्रशासन के साथ मिलकर वह कार्रवाई करता है. लोगों को बिजली कनेक्शन देने के लिए शिविर भी लगाते हैं.