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Special : स्मार्ट सिटी और बड़े-बड़े ख्वाब...यहां तो खुले में शौच करने को मजबूर लोग - भरतपुर स्मार्ट सिटी

भरतपुर शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने भले ही निर्देश दे दिए हैं और नगर निगम योजना भी तैयार कर रहा है, लेकिन शहर में रनजीत नगर के पास 12 सौ लोगों की एक कच्ची बस्ती स्थित है, जिसमें ना तो साफ सफाई की व्यवस्था है और ना ही चिकित्सा व शिक्षा की. यहां के लोगों को अभी तक मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. देखें खास रिपोर्ट...

Shulabh toilets in Bharatpur, slum township of Bharatpur
मूलभूत सुविधाओं के लिए ही तरस रहे इस बस्ती के लोग

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Published : Oct 12, 2020, 7:49 PM IST

भरतपुर.राज्य सरकार के निर्देश पर नगर निगम भरतपुर, शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना तैयार कर रहा है. शहरवासियों को स्मार्ट सिटी योजना के तहत बड़े-बड़े ख्वाब दिखाए जा रहे हैं, लेकिन शहर के रनजीत नगर में एक बस्ती ऐसी भी है, जहां के सैकड़ों लोग आज भी तमाम सुविधाओं से कोसों दूर हैं. हालात ये हैं कि लोगों को शौचालय तक की सुविधा मुहैया नहीं है. ईटीवी भारत ने यहां के हालात का जायजा लिया तो लोगों ने अपना दर्द बयां किया.

मूलभूत सुविधाओं के लिए ही तरस रहे इस बस्ती के लोग...

महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर...

रनजीत नगर कच्ची बस्ती की सरस्वती और धनवती महिलाओं ने बताया कि बस्ती में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. ऐसे बस्ती के लोगों और महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ता है. खुले में शौच जाते समय महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, प्रशासन की ओर से बस्ती में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है.

1200 की बस्ती के बीच एक सुलभ शौचालय...

कच्ची बस्ती निवासी अजय ने बताया कि पूरी बस्ती में करीब 12 सौ लोग रहते हैं, लेकिन पूरी बस्ती में सिर्फ एक ही सुलभ शौचालय है, वह भी बीते करीब 7 महीने से बंद पड़ा है. लंबे समय से सुलभ शौचालय के लिए पानी और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यह सुलभ शौचालय सिर्फ नाम का रह गया है.

बस्ती में नहीं होती नियमित सफाई...

बस्ती निवासी विक्रम ने बताया कि बस्ती में नगर निगम की ओर से नियमित साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. 7 या 10 दिन में कभी-कभार नगर निगम के सफाई कर्मी आ जाते हैं और नाम के लिए सफाई करके चले जाते हैं. नियमित सफाई नहीं होने की वजह से बस्ती की नालियों में कचरा जमा है और गलियां भी गंदी पड़ी रहती हैं.

उपचार के लिए नहीं है स्वास्थ्य केंद्र...

बस्ती के पूर्व पार्षद जगदीश ने बताया कि बस्ती के आसपास उपचार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. प्रशासन को भी कई बार लिखकर दिया कि बस्ती के आसपास कोई स्वास्थ्य केंद्र खुलवाया जाएं, जिससे कि बस्ती के लोगों को नजदीक में चिकित्सा सुविधा मिल सके, लेकिन कभी सुनवाई नहीं हुई. बस्ती में कोई भी लोग बीमार पड़ते हैं तो 3 किलोमीटर पैदल चलकर आरबीएम जिला अस्पताल में ही उपचार करवाना पड़ता है.

नहीं होती नियमित स्वास्थ्य जांच...

बस्ती निवासी सरस्वती ने बताया कि बस्ती के छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं होती है और ना ही आंगनबाड़ी की तरफ से पौष्टिक आहार की जानकारी के लिए कोई आता है. आंगनबाड़ी में कुछ बच्चों के लिए खिचड़ी बना कर दे दी जाती है, बाकी और कोई सुविधा नहीं है.

मंत्री जी को शिकायत का इंतजार...

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के आवास से मुश्किल से 1 किलोमीटर दूर स्थित कच्ची बस्ती के बारे में जब उनसे बात की गई, तो उन्होंने कहा कि बस्ती में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं है. मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि बस्ती के लोगों ने कभी भी उनसे मिलकर बस्ती की समस्याओं के बारे में नहीं बताया. यदि उन्हें कोई शिकायत है और वह हमसे आकर मिलेंगे तो उनका समाधान किया जाएगा.

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गौरतलब है कि भरतपुर शहर में रनजीत नगर के पास एक कच्ची बस्ती स्थित है, जिसमें करीब 1200 लोगों की आबादी है. इस बस्ती में ना तो साफ सफाई की व्यवस्था है और ना ही चिकित्सा व शिक्षा की. हालात यह हैं कि यहां के लोगों को अभी तक शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाई है. यही वजह है कि महिला पुरुष और बच्चों को खुले में शौच जाना पड़ता है.

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