राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

स्पेशल: तकनीकी खामी बनी रोड़ा, करीब 7 हजार प्रवासी मजदूर हुए राशन से महरूम - district logistics officer banwari lal meena

सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों को दिए जाने वाले गेहूं और चने से भरतपुर जिले में करीब सात हजार लोग महरूम रह गए हैं. हालांकि, जब इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश की गई तो जिम्मेदार लोग अलग-अलग राग अलापते नजर आए. फिलहाल, राशन डीलर और अधिकारी इसमें तकनीकी समस्या का कारण बता रहे हैं. वहीं मजदूरों का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने जैसी अन्य सभी प्रक्रियाओं को हमने पूरा किया है.

भरतपुर में प्रवासी मजदूर  तकनीकी खराबी  मजदूर राशन से महरूम  भरतपुर में राशन डीलर  जिला रसद अधिकारी बनवारी लाल मीणा  bharatpur news  lockdown period  migrant labor  migrant laborers in bharatpur  technical fault  ration dealer in bharatpur
7 हजार प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल पाया राशन

By

Published : Aug 13, 2020, 7:42 PM IST

भरतपुर.कोरोना के चलते लागू हुए लॉकडाउन में अन्य राज्यों और प्रदेश के जिलों में फंसे प्रवासी मजदूर जैसे-तैसे कर अपने घर तो वापस आ गए. लेकिन अधिक संख्या में प्रवासी मजदूरों को सरकार की ओर से दिया जाने वाला राशन नहीं मिल पाया. इन लोगों ने ऑनलाइन रिजस्ट्रेशन भी करवाया, बावजूद इसके भी ये सरकारी योजना के तहत मिलने वाले गेहूं और चने से महरूम रहे. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की माने तो तकनीकी खामी के चलते भरतपुर में करीब सात हजार प्रवासी मजदूरों को राशन वितरित नहीं हो पाया है. हालांकि जब ETV Bharat की टीम ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

7 हजार प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल पाया राशन

गुजरात से वापस लौटे मजदूर विष्णु ने बताया कि उन्होंने ई-मित्र के जरिए सरकारी योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था. लेकिन जब राशन डीलर के पास वे गेहूं और चना लेने पहुंचे तो डीलर ने उन्हें बताया कि रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ, जिसके चलते उन्हें गेहूं और चना नहीं मिल सकता. इसी प्रकार नोएडा से लौटे मजदूर नेतराम ने बताया कि रजिस्ट्रेशन करवाने के बावजूद उन्हें राशन नहीं मिल पाया है.

राशन वितरण में तकनीकी खामी बनी रोड़ा

पोस मशीन में नहीं मिला डेटा

राशन डीलर प्रेम सिंह ने बताया कि उनके पास ग्राम पंचायत खेरली गडासिया के 190 प्रवासी मजदूरों के लिए राशन उपलब्ध कराया गया था. लेकिन इनमें से 170 प्रवासी मजदूरों को ही वे राशन वितरित कर पाए हैं. बाकी 20 मजदूरों के पोस मशीन में डेटा नहीं मिल पाया. डीलर ने बताया कि इन मजदूरों का जैसे ही पोस मशीन में डेटा फीड किया जाता है तो पोस मशीन 'Server Data Not Found' मैसेज दिखाती है, जिसके चलते इनको राशन वितरित नहीं किया जा सका.

यह भी पढ़ेंःGround Report : गरीबों के हक पर डाका...डूंगरपुर में गेहूं, चावल और चीनी चट कर गए 'घोटालेबाज'

61 हजार परिवारों का हुआ सर्वे

जिला रसद अधिकारी बनवारी लाल मीणा ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद अन्य राज्यों और जिलों से लौटने वाले लोगों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए 36 श्रेणी के परिवारों का सर्वे किया गया था. सर्वे में जिले के 61 हजार परिवारों को पंजीकृत किया गया. ये सभी वे परिवार थे, जो कि अन्य राज्यों और जिलों से वापस भरतपुर लौटे थे. इनको सरकारी योजना के तहत राशन उपलब्ध करवाना था.

यह भी पढ़ेंःस्पेशल: Tax वसूली का जिम्मा Private फर्म को, पहले साल 80 करोड़ और आगे असेसमेंट का 75 प्रतिशत टारगेट

7 हजार प्रवासी लाभ से महरूम

जिला रसद अधिकारी बनवारी लाल मीणा ने बताया कि सर्वे में शामिल किए गए 61 हजार परिवारों में से 54 हजार परिवारों को सरकारी योजना के तहत दो माह के लिए गेहूं और चना उपलब्ध करवा दिया गया है. एक सवाल के जवाब में जिला रसद अधिकारी ने बताया कि तकनीकी खामी के चलते (आधार कार्ड अपडेट नहीं है, सर्वे में त्रुटि) आदि के चलते कई परिवार राशन योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं.

यह भी पढ़ेंःस्पेशल स्टोरी: टिड्डियों के प्रजनन के लिए अनुकूल है सीकर की मिट्टी

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों और जिलों से अपने घर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को दो महीने के लिए सरकार द्वारा प्रति यूनिट 10 किलो गेहूं और प्रति राशनकार्ड 2 किलो चना उपलब्ध कराने की योजना चलाई गई थी. लेकिन इस योजना से भरतपुर जिले के हजारों मजदूर महरूम रह गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details