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SEPCIAL : भरतपुर में मई में 612 बच्चे कोरोना संक्रमित...तीसरी लहर की आशंका, विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

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Published : May 24, 2021, 6:52 PM IST

भरतपुर जिले में बच्चों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अप्रैल-मई महीने में 930 बच्चे संक्रमण की चपेट में आए हैं. हालांकि अब तक किसी भी बच्चे की कोरोना से मौत की खबर नहीं है. लेकिन इसे संक्रमण की तीसरी लहर के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में बच्चों को लेकर खास ध्यान रखने की दरकार है.

612 children corona infected in the month of May in Bharatpur
मई में 612 बच्चे कोरोना संक्रमित

भरतपुर. जिले में बच्चों में बढ़ते संक्रमण के साथ शिशुओं के स्वास्थ्य की चिंता बढ़ना जाहिर सी बात है. जिस तरह के आंकड़े भरतपुर से आ रहे हैं, वह पूरे राज्य के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे में ईटीवी भारत ने ऐलोपैथिक और आयुर्वेदिक शिशु रोग विशेषज्ञों से ये जाना कि बच्चों का कैसे ध्यान रखा जा सकता है और उन्हें कैसे इस संक्रमण से बचाया जा सकता है.

मई में 612 बच्चे कोरोना संक्रमित

इस वर्ष 945 बच्चे पॉजिटिव

चिकित्सा विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2021 से 22 मई 2021 तक जिले में कुल 945 बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आए. संक्रमण की रफ्तार भी चौंकाने वाली है. जनवरी में जहां सिर्फ 6 बच्चे संक्रमित थे, वहीं फरवरी में यह संख्या 3 हुई, फिर मार्च में 6. लेकिन अप्रैल और मई महीने में कोरोना तेजी से फैला. इन 2 महीनों बच्चों में बुलेट रफ्तार से कोरोना फैला. अप्रैल में 318 और मई महीने में 612 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए. हालांकि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एलके मिश्रा का कहना है कि बीते दो महीने में कोई बच्चा गंभीर हालत में अस्पताल नहीं पहुंचा है. हल्के लक्षणों के साथ ही दवाइयों से बच्चे स्वस्थ हो गए.

जिले के ब्लॉक में पॉजिटिव बच्चे

हर ब्लॉक में बच्चे संक्रमित

तीसरी लहर बच्चों के लिए इसलिए घातक

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एलके मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर में बुजुर्ग ज्यादा चपेट में आए थे. दूसरी लहर में युवा संक्रमण की चपेट में आये. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. क्योंकि बच्चों के लिए वैक्सीन आने में अभी समय लगेगा.

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डॉक्टर की सलाह, ऐसे रखें बच्चों का ध्यान

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मिश्रा ने बताया कि इस वक्त बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना बहुत जरूरी है. 6 महीने तक के शिशुओं के लिए मां का दूध ही सबसे प्रभावी इम्युनिटी बूस्टर है. इससे ज्यादा उम्र के शिशुओं को भी बोतल से दूध न पिलाएं तो बेहतर होगा. दूध में पानी न मिलाएं. बच्चों को पौष्टिक और पचने वाला आहार दें. बच्चों को भीड़ भाड़ में ले जाने से बचें और उनकी सफाई का पूरा ध्यान रखें.

बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत

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आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ ललित अग्रवाल ने कहा कि बच्चों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. बच्चों को गंदगी में नहीं खेलने दें. बच्चों को सुपाच्य और पौष्टिक भोजन कराएं. बच्चों को हल्दी वाला दूध पिलाएं तो बेहतर होगा. साथ ही विटामिन सी के लिए आंवला, च्यवनप्राश, आम और नींबू का सेवन कराएं. आयुर्वेदिक औषधियां कुमार कल्याण रस, अश्वगंधा और कुमार आसव बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अच्छी मानी जा सकती हैं. डॉक्टर की सलाह से इनका सेवन किया जा सकता है. बच्चों को स्वर्ण प्राशन भी पिलाया जा सकता है. यह आयुर्वेदिक अस्पतालों में उपलब्ध है.

चिकित्सक के परामर्श पर ध्यान दें

भरतपुर में कोरोना की फैक्ट फाइल

जिले में अब तक 19049 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. मई माह में 7830 लोग पॉजिटिव हुए हैं. अब तक कुल पॉजिटिव हुए लोगों में से एक 15053 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. वर्तमान में जिले में 3769 एक्टिव केस हैं. जबकि 227 लोग की मौत हो चुकी है.

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