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भरतपुर: 08 कमरों में रोके गए 382 प्रवासी मजदूर, ग्रामीणों को सता रहा संक्रमित होने का डर

देश में कोरोना के चलते सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया है. जिसके कारण कई मजदूर दूसरे शहरों और जिलों में फंसे हुए हैं. वहीं, जोधपुर से निकले मजदूरों रविवार को मथुरा बॉर्डर पहुंचे लेकिन उत्तरप्रदेश पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया. जिसके बाद राजस्थान पुलिस और उत्तरप्रदेश पुलिस में बहस हो गई. ऐसे में अब भी कई प्रवासी मजदूर अब भी राजस्थान में ही फंस गए हैं.

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08 कमरों में रोके गए 382 प्रवासी मजदूर

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Published : May 11, 2020, 12:36 AM IST

Updated : May 11, 2020, 11:53 AM IST

भरतपुर. जिले के मथुरा बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को मथुरा पुलिस की ओर से रोकने के बाद रविवार को मथुरा और भरतपुर जिले की पुलिस आमने सामने हो गई, लेकिन रविवार सुबह दोनों जिलों के पुलिस अधिकारियों की ओर से बातचीत के समय नोकझोक भी हो गई. वहीं, मथुरा पुलिस के अधिकारियों के अनुसार उनके दो सब इंस्पेकटर को चोटें आई हैं.

08 कमरों में रोके गए 382 प्रवासी मजदूर

दरअसल, बिहार और झारखंड के रहने वाले कुछ मजदूर जोधपुर में मजदूरी किया करते थे और लॉकडाउन के बाद खाने पीने की समस्या आई तो वह अपने घरों की तरफ पलायन करने लगे. करीब 350 से ज्यादा मजदूरों ने जोधपुर से भरतपुर बॉर्डर तक का सफर 15 दिनों में पूरा कर लिया, लेकिन जैसे ही उन्होंने मथुरा जिले में एंट्री करनी चाही तो मथुरा पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया और जिले में घुसने की अनुमति नहीं दी. जिसके बाद से वे सब मजदूर शनिवार से बॉर्डर पर ही रहने को मजबूर हैं.

ऐसे में उनके खाने पीने के बंदोबस्त भरतपुर प्रशासन की तरफ से करवाया जा रहा है. और बॉर्डर के पास रारह गांव के स्कूल में सभी प्रवासी मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई है, लेकिन अब ग्रामीणों को महामारी का डर सता रहा है.

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ग्रामीणों का कहना है कि प्रवासी मजदूरों में से किसी मजदूर का प्रशासन ने कोई चेकअप नहीं किया है. अगर इन मजदूरों में कोई भी मजदूर संक्रमित निकलता है तो पूरे गांव के ऊपर खतरा मंडरा सकता है.

वहीं एक ग्रामीण से बात की तो उसका कहना है कि रारह गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में करीब 382 प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है. और स्कूल में सिर्फ 08 कमरे हैं. जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिग की पालना नहीं हो पा रही है. वहीं ग्रामीणों का विरोध है कि 08 कमरों में 382 मजदूरों को कैसे रोका जा सकता है. अगर इन मजदूरों में से एक भी मजदूर संक्रमित हुआ तो सभी मजदूर संक्रमित हो जाएंगे. साथ ही ग्रामीणों के संक्रमित होने की पूरी संभावना है. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार मजदूरों को घर कैसे छुड़वायेगी.

Last Updated : May 11, 2020, 11:53 AM IST

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