भरतपुर. जिले के रूपवास क्षेत्र के चक सामरी गांव के शराब दुखांतिका मामले में 3 पुलिसकर्मी और जिला आबकारी अधिकारी समेत आबकारी विभाग के 13 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है. साथ ही रूपवास एसडीएम को एपीओ किया गया है. इस पूरे मामले की जांच भरतपुर के संभागीय आयुक्त को सौंपी गई है, साथ ही दुखांतिका में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं.
चिकित्सा राज्य मंत्री का बयान जानकारी के अनुसार शराब दुखांतिका मामले में भरतपुर के जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आबकारी अधिकारी एवं एनफोर्समेंट ऑफिसर राकेश शर्मा, बयाना आबकारी थाने के पेट्रोलिंग ऑफिसर रेवत सिंह राठौड़, बयाना आबकारी निरीक्षक योगेंद्र सिंह, रूपवास में आबकारी एनफोर्समेंट थाने के पूरे स्टाफ को निलंबित किया गया है.
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साथ ही रूपवास पुलिस थाना के सहायक उपनिरीक्षक मोहन सिंह और दो अन्य पुलिसकर्मी को भी निलंबित किया गया है. वहीं, रूपवास एसडीएम ललित मीणा को एपीओ किया गया है. शराब दुखांतिका के मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और अन्य पीड़ितों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि गुरुवार को शराब दुखांतिका के मृतकों की संख्या 8 पर पहुंच गई. इसके बाद आबकारी आयुक्त जोगाराम भी घटनास्थल चक सामरी गांव पहुंचे. साथ ही राज्यमंत्री सुभाष गर्ग भी गांव पहुंचे और मृतकों व पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर शराब दुखांतिका मामले में गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने भरतपुर सहित प्रदेश के सभी सीमावर्ती और अवैध शराब संभावित क्षेत्रों में अभिलंब अभियान चलाकर अवैध शराब की रोकथाम और इसमें लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध अत्यंत कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.