भरतपुर. जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब तक 360 से भी ज्यादा हो चुकी है. ज्यादातर प्रवासियों के आने की वजह से कोरोना का खतरा अधिक बढ़ा है. वहीं कोरोना का बुरा साया अब कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ने लगा है. जिसमें डॉक्टर्स, लैब में काम करने वाले कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि जब कोरोना वॉरियर्स ही कोरोना की चपेट में आ जायेंगे तो इस महामारी से जनता को कौन बचाएगा.
जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इन दिनों सन्नटा पसरा हुआ है. हाल ये है कि खुद जिला पुलिस अधीक्षक को होम क्वॉरेंटाइन होना पड़ा. इसके अलावा जिला पुलिस अधीक्षक का बेटा, रसोइया, पीए और कई पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. अभी तक 19 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. जिसके बाद पुलिस प्रशासन की भी काफी मुश्किलें बढ़ गई हैं.
जब पुलिसकर्मी खुद ही इस महामारी की चपेट में आने लगे हैं तो बाकी के पुलिसकर्मियों को भी डर सताने लगा है. आलम ये है कि कोई भी व्यक्ति जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में घुसने से पहले एक बार जरूर सोचता है. जिला पुलिस अधीक्षक के होम क्वॉरेंटाइन होने के बाद उनका कार्यभार अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक पर आ गया. हालांकि जो पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आये हैं. उनका डिपार्टमेंट की तरफ से बखूबी ख्याल रखा जा रहा है. जिससे जल्द से जल्द पुलिसकर्मी स्वस्थ होकर अपने काम को संभाले.