राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Special: हादसे में पिता हुए लाचार तो खुशबू बन गई उनकी हिम्मत, पढ़ाई के साथ खींच रही घर की भी गाड़ी

परिवार चलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर की नौबत आए तो बेटियों भी पीछे नहीं हटती हैं. महज 17 साल की खुशबू सेन परिवार की आजीविका चलाने के लिए भरतपुर शहर की गलियों में रोज सुबह घर-घर जाकर अखबार बांटती है और फिर स्कूल जाती है. पढ़ें पूरी खबर...

Bharatpur News,  Daughter becomes Hawker after father accident
घर की हिम्मत बनी खुशबू

By

Published : Mar 13, 2021, 6:43 PM IST

भरतपुर. यूं तो 17 साल की खुशबू भी और बच्चों की तरह देर तक सोने और खेलने-कूदने की शौकीन है, लेकिन घर की जिम्मेदारियां खुशबू पर कुछ ऐसी आई कि अब उसको सुबह 4:00 उठना पड़ता है और अपने पिता की जगह अखबार बांटना पड़ता है. इसके बाद खुशबू अपने स्कूल चली जाती है. स्कूल के बाद ट्यूशन और उसके बाद अगर समय मिलता है तो खुशबू अपनी मां के साथ घर के काम में भी हाथ बंटाती है. सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुशबू का सारा समय अपने घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने और अपनी पढ़ाई में निकल जाता है.

हादसे में पिता का पैर टूटा तो बेटी बनी हॉकर

पढ़ें- SPECIAL : शेखावाटी में बिखरने लगे चंग धमाल के रंग...धुलंडी तक चलेगा मस्ती और हुड़दंग का दौर

पिता के एक्सीडेंट के बाद बांटने लगी अखबार

भरतपुर शहर के सराफा गली की रहने वाली 17 साल की खुशबू कक्षा 11वीं में पढ़ती है. कुछ दिनों पहले खुशबू के पिता का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके पैर में गंभीर चोटें आई और उनका नौकरी पर जाना बंद हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे घर की स्थिति खराब होने लगी, जिसके बाद 17 साल की खुशबू ने तय किया कि वह अपने पिता की जगह काम करेगी और वह अपनी पढ़ाई भी पूरा करेगी.

140 घरों में बांटती है अखबार

इसके बाद से खुशबू सुबह 4 बजे उठने लगी और अपने पिता की जगह अखबार बांटने जाने लगी. जब लोग सो कर भी नहीं उठ पाते, उस समय खुशबू सुनसान गलियों में जाकर 140 घरों में अखबार बांट कर आती है और उसके बाद स्कूल जाती है. स्कूल से आकर ट्यूशन जाती है. इसके बाद बाकी बचे में समय में वह पढ़ाई करती है और अपनी मां के साथ घर के काम में हाथ बंटाती है. इन दिनों खुशबू जिले के लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है.

पेपर बांटती खुशबू

पढ़ें- SPECIAL : सदियों पुरानी लोक कला को चाहिए 'संजीवनी'...क्योंकि कठपुतली अभी जिंदा है

अखबार बांटना उसकी मजबूरी

खुशबू का कहना है कि उसके पिता के पैर में चोट आने के बाद अखबार बांटना उसके लिए मजबूरी बन गया है. उन्होंने बताया कि वह सुबह 4 बजे उठती है, जिसके बाद वह सुबह उठ कर डीलर से अखबार लेकर आती है और अखबार की 140 कॉपियां घर-घर जाकर बांटती है.

खुशबू सेन

खाली समय में मां का भी हाथ बंटाती है

खुशबू के पिता मनोज कहते हैं कि उनके पास दो बच्चे हैं, खुशबू 17 साल की है और एक 5 साल का लड़का है. कुछ दिनों पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उनके पैर में गंभीर चोट आई थी. मनोज के काम पर नहीं जाने के कारण उनके घर की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती चली गई. जिसके बाद खुशबू ने घर की सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाया और वह अपने पिता की जगह काम करने लगी.

पिता की हिम्मत बनी खुशबू

सुबह 4 बजे उठती है

मनोज का कहना है कि खुशबू सुबह 4 बजे उठती है और अखबार बांट कर आती है और स्कूल जाती है. इसके अलावा खाली समय मे वह अपनी मां का भी हाथ बंटाती है. खुशबू इन दिनों जिले के सभी लड़कियों के लिए एक मिसाल बानी हुई है. इसके अलावा वह पढ़ाई में काफी होशियार है और बड़े होकर सरकारी नौकरी करना चाहती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details