अलवर. अलवर में मंगलवार को जनाना अस्पताल में बेटी के जन्म पर थाली बजाकर महिला दिवस (Celebration of daughters birth in Alwar by beating plate) मनाया गया. इस मौके पर अस्पताल में प्रगतिशील महिला समिति की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया. इस दौरान सेना में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत महिला अधिकारी ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे बताया.
अलवर की एक निजी स्कूल की तरफ से मानव श्रृंखला बनाई गई. जिसमें छोटी बच्चियां डॉक्टर, पुलिस, वकील की ड्रेस में नजर आई. मानव श्रृंखला बनाकर लोगों से महिलाओं के सम्मान का प्रण लिया. स्कूल की अध्यापिका पूनम ने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, जबकि हमारे धर्म में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है. जब तक घर परिवार समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होगा तब तक महिला दिवस (Womens Day Celebration) का कोई फायदा नहीं है.
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विदेशों में भी हमारे देश की महिलाएं सबसे आगे हैंःप्रगतिशील महिला समिति की अध्यक्ष सचि आर्य ने कहा की महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं है. इसके लिए हमें अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने चाहिए, क्योंकि परिवार में मिले हुए संस्कार ही आगे चलकर काम आते हैं. जिस तरह से हम बेटी का ध्यान रखते हैं, उतना ध्यान हमें बेटों का भी रखना चाहिए. आज भी बेटियों को बराबर का अधिकार नहीं मिलता है. ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों को बोझ समझा जाता है. लोग बेटी के जन्म पर दुखी होते हैं, जबकि बेटी दो परिवारों को चलाती है.
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एक महिला चाहे तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकती है. आज देश में सभी बड़े पदों पर महिला तैनात है, फिर चाहे मुख्यमंत्री हो, न्यायालय हो, पुलिस अधिकारी के पद पर हों. सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी बेटियां भारत का गौरव बढ़ा रही हैं. महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी अब समाज में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.