अलवर.जिले में पानी की समस्या धीरे-धीरे विकराल रूप ले रही है. लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. ऐसे में प्रतिदिन लोग पानी के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कोरोना के चलते लोग घरों में बंद हैं, ऐसे में पानी के खाली बर्तन लेकर लोगों को धक्के खाने पड़ रहे हैं. पानी की समस्या को लेकर जलदाय विभाग की तरफ से हर बार केवल खानापूर्ति की जाती है, इसलिए हालात दिनोंदिन खराब हो रहे हैं.
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अलवर जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं हैं, इसलिए पूरा जिला डार्क जोन में आ चुका है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता. अकेले अलवर शहर की बात करें तो गर्मियों के मौसम में अलवर शहर में पानी की डिमांड 90 से 100 एमएलडी के आसपास रहती है, जबकि जलदाय विभाग 50 से 60 एमएलडी पानी सप्लाई करता है. शहर के पुराने मोहल्ला और कृषि कॉलोनियों में हालात ज्यादा खराब है.
अलवर शहर के वार्ड नंबर 10 की महिलाओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान महिलाओं ने कहा कि जब तक पानी की समस्या का समाधान नहीं होगा, वे अपने घर नहीं जाएंगी. पानी की समस्या को लेकर महिलाएं पहले भी कई बार अपना विरोध जता चुकी है. हर बार जलदाय विभाग में जिला प्रशासन के अधिकारी आश्वासन देकर महिलाओं को वापस लौटा देते हैं.
महिलाओं ने कहा कि टैंकरों से पानी सप्लाई में धक्का-मुक्की में विवाद होता है. इसलिए पानी का स्थाई समाधान होना चाहिए. स्थानीय लोगों ने बताया कि कोरोना काल में लोग अपने घरों में बंद हैं, लेकिन उनके क्षेत्र के लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. महिलाओं को डेढ़ किलोमीटर दूर पानी के लिए जाना पड़ता है.
इसी तरह के हालात अलवर शहर की दो दर्जन कृषि कॉलोनी व मोहल्लों के हैं. कुछ कॉलोनियों को छोड़कर सभी जगह हालात खराब है. उसके बाद भी जलदाय विभाग की तरफ से अब तक कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है. पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. ट्यूबवेल में पानी का स्तर लगातार गिर रहा है, इसलिए हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं.