अलवर.सरिस्का के कोर क्षेत्र में बसे हुए गांव सरिस्का के लिए ग्रहण बन चुका हैं. इन गांव के चलते सरिस्का के वन क्षेत्र में मानव दक्ष दिनों-दिन बढ़ रहा है. ऐसे में सरिस्का के बाघों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है. सरकार और वन विभाग को अब कोई सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
सरिस्का के 1300 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में 29 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 3 गांव सरिस्का प्रशासन की तरफ से विस्थापित किए जा चुके हैं. अब बचे हुए 26 गांव में से 3 को विस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं प्रशासन की तरफ से विस्थापित परिवारों को दो पैकेज भी दिए जा रहे हैं.
पढ़ेंः नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 3 Big cats की मौत, लॉयन 'तेजस' की भी हालत ठीक नहीं
एक पैकेज में विस्थापित परिवार को 10 लाख रुपए देने का प्रावधान है, जबकि दूसरे पैकेज में 6 लाख रुपए, एक प्लॉट ढाई लाख रुपए और जिस क्षेत्र में प्लॉट दिया जाएगा. उस क्षेत्र को वन विभाग की तरफ से डेवलप करके दिया जाएगा. इन सभी गांव में बड़ी संख्या में परिवार रहते हैं. इन परिवारों के चलते सरिस्का के कोर क्षेत्र में लगातार लोगों के आवाजाही बनी रहती है.
ऐसे में सरिस्का में खुलेआम वन्यजीवों का शिकार होता है और आए दिन बाघ के मौत के मामले सामने आते रहते हैं. साल 2005 में सिरका बाघ विहीन हो गया था. उसके बाद भी लगातार सरिस्का में आए दिन बाघ की मौत के मामले सामने आते हैं. अभी डेढ़ साल की बात करें तो सरिस्का में तीन बाघों की मौत हो चुकी है, तो वहीं 2 साल पहले भी तीन बाघों की मौत के मामले सामने आए थे.