राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कोरोना महामारी के चलते सरिस्का में नहीं आ रहे पर्यटक, लाखों का नुकसान - सरिस्का में पर्यटक

कोरोना के चलते लागू हुए लॉकडाउन के दौरान सरिस्का को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. हालांकि अब सरिस्का को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन अभी भी पर्यटक यहां नहीं पहुंच रहे हैं. इससे सरिस्का प्रशासन को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है.

alwar news, Sariska, Corona virus
कोरोना वायरस के चलते सरिस्का में नहीं आ रहे पर्यटक

By

Published : Sep 10, 2020, 9:04 AM IST

अलवर.सरिस्का में हर माह हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. कोरोना के चलते पूरा देश लॉकडाउन रहा. इस दौरान सरिस्का भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया. हालांकि सरिस्का को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन अब भी पर्यटक यहां नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का, अरावली की वादियों से घिरा हुआ है.

कोरोना वायरस के चलते सरिस्का में नहीं आ रहे पर्यटक

सरिस्का की टाइगर रिजर्व के नाम से खास पहचान है. विशेषज्ञों की मानें तो सरिस्का वन्य जीवो के लिए खासा बेहतर जंगल है. कोरोना काल के दौरान जहां पूरा देश लॉकडाउन रहा. इस दौरान अलवर का सरिस्का भी बंद रहा. आम लोगों की आवाजाही नहीं हुई. वहीं इस दौरान सारिस्का में नए नन्हे मेहमान नजर आए हैं. टाइगर के साथ नए शावक नजर आए हैं. सरिस्का में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है.

कोरोना संक्रमण के चलते 5 माह से सारिस्का सुना पड़ा हुआ है. हालांकि पर्यटकों के लिए यह खोल दिया गया है, लेकिन बस ट्रेन बंद होने के कारण लोग अभी सरिस्का नहीं आ पा रहे हैं. पर्यटकों से सरिस्का प्रशासन को खासी आय होती है, जो पांच माह से पूरी तरह से बंद है. इसके अलावा प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश सहित आसपास के राज्यों से हजारों की संख्या में लोग हनुमान जी के दर्शन के लिए पांडुपोल में आते हैं.

यह भी पढ़ें-चूरू: दो पक्षों के बीच पत्थरबाजी, इलाके में धारा 144 लागू, भारी पुलिस बल तैनात

पांडुपोल जाने के लिए पर्यटकों को सरिस्का के गेट पर प्रवेश शुल्क देना पड़ता है. इससे भी सरिस्का प्रशासन की खासी आय होती है. ऐसे में सरिस्का को लाखों का नुकसान झेलना पड़ा है. हालांकि सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार और एनटीसीए की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है. प्रत्येक छोटी गाड़ी में केवल 3 पर्यटकों को भेजा जाता है.

वहीं गाइड और स्टाफ को हैंड सैनिटाइजर करने मास्क लगाने सहित जरूरी जानकारी भी सेल्स का प्रशासन की तरफ से समय-समय पर दी जा रही है. इसके अलावा सरिस्का के स्टाफ की ट्रेनिंग प्रक्रिया भी चल रही है, जिसमें स्टाफ को वन्यजीवों के मॉनिटरिंग के साथ कई अन्य जरूरी जानकारियां भी दी जा रही हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details