अलवर. विवादों से सरिस्का का पुराना नाता रहा है. लंबे समय बाद एक बार फिर से अलवर का सरिस्का विवादों में आया है. सरिस्का बाघ परियोजना के एनक्लोजर में बंद बाघ एसटी-6 की मूंछ के बाल काटने को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें सरिस्का के अधिकारियों पर ही बाघ की मूंछ के बाल काटने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, सरिस्का के अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है. दूसरी तरफ बाघ सरिस्का के एनक्लोजर में अभी स्वस्थ है.
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र ने वन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को वायरल करने वाला खुद को सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन रक्षक के रूप में कई साल से पोस्टेड बता रहा है, लेकिन पत्र में खुद का नाम नहीं लिखा है. उसका आरोप है कि बाघ एसटी-6 बीमार होने के कारण काफी समय से एनक्लोजर में बंद है और उपचार के लिए गत 10 जनवरी 2021 को उसे ट्रेंक्यूलाइज किया गया था, इसी दौरान सरिस्का के अधिकारियों ने अन्य कर्मचारियों को वहां से दूर भेजकर कैंची से बाघ की मूंछ के बाल ताबीज बनाने के लिए काट लिए.
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पत्र वायरल करने वाले का यह भी दावा है कि यह बात वहां मौजूद एक रेंजर के मुंह से शराब के नशे में निकल गई. उसके बाद अधिकारियों ने स्टाफ को डराना धमका कर यह बात किसी को नहीं बताने की चेतावनी दी. वायरल पत्र को वन मंत्री और विभाग के उच्च अधिकारियों को भी प्रतिलिपि भेजना बताया है. उधर, सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा का कहना है कि बाघ एनक्लोजर में स्वस्थ हालत में है. बाघ की मूंछ के बाल काटने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. उच्चाधिकारियों ने भी कोई निर्देश नहीं दिए हैं.
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वहीं, अलवर के सरिस्का का यह पत्र दिल्ली-जयपुर सहित पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुराने समय में अंधविश्वास करने वाले लोग तंत्र-मंत्र और ताबीज बनाने के लिए बाघ की मूंछ के बाल काम में लेते थे. लेकिन बाद में वन विभाग की तरफ से बाघ की मूंछ को काटना बाघ की हत्या के बराबर का अपराध मानते हुए इसके लिए सख्त कानून बनाए और सजा का प्रावधान किया. जिसके बाद इन घटनाओं में कमी आई, लेकिन अलवर का सरिस्का एक बार फिर से विवादों में आ गया है.