अलवर. सरिस्का में बाघ एसटी-13 की लोकेशन और पगमार्ग नहीं मिल रहे हैं. बाघ ने सरिस्का के अधिकारियों की परेशानी बढ़ा दी है. वन विभाग के अधिकारी लगातार (Not Tetting Pugmarks of ST 13) बाघ की तलाश में जुटे हुए हैं. बीते 12 दिनों से बाघ की कोई जानकारी नही मिल रही है.
सरिस्का में बाघ एसटी-13 वनकर्मियों और पर्यटकों को दिखाई नहीं दे सका है. सरिस्का प्रशासन की ओर से बाघ की तलाश में वनकर्मियों को तैनात किया गया है. वनकर्मी जंगल की छानबीन में जुटे हैं, लेकिन अब तक बाघ नहीं मिल पाया है. बाघ एसटी-13 की तलाश में सरिस्का प्रशासन की ओर से टीमें तैनात की गई हैं. टीमें पगमार्क, ट्रैकिंग एवं सर्विलांस सिस्टम के कैमरों के माध्यम से बाघ की तलाश में जुटी हैं. वनकर्मियों को बाघ के पगमार्क नहीं मिल पाए हैं और न ही कैमरों में बाघ की तस्वीर दिख सकी है. ऐसे में वन विभाग की परेशानी बढ़ गई है.
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सरिस्का प्रशासन की चिंता बढ़ने का कारण (Increased difficulties of Sariska administration) यह है कि पहले भी यहां बाघिन एसटी-5 गायब हो चुकी है. बाघिन एसटी-5 के गायब होने का समय भी लगभग यही रहा था. काफी प्रयास के बाद भी वनकर्मियों को बाघिन नहीं मिल पाई. काफी समय बाद बाघिन एसटी-5 के शिकार की पुष्टि हो पाई थी.
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बाघ एसटी-13 का रेडियो कॉलर इन दिनों काम नहीं कर रहा है, इस कारण वनकर्मियों को बाघ के सिग्नल नहीं मिल पा रहे हैं. यह बाघ घुमक्कड़ प्रवृति का होने से समस्या और बढ़ गई है. बाघ एसटी-13 पहले भी सरिस्का से निकलकर (Tiger Missing in Sariska) राजगढ़ वन क्षेत्र, दौसा जिले तक पहुंच चुका है. उस दौरान एक साल से ज्यादा समय तक राजगढ़ वन क्षेत्र में रहने के बाद यह बाघ सरिस्का लौटा था.