अलवर. सरिस्का के जंगल से बाहर निकले बाघ ST-18 ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बाघ की मॉनिटरिंग में वन विभाग और सरिस्का की टीम लगी हुई है. मॉनिटरिंग में ड्रोन और सीसीटीवी भी काम में लिए जा रहे हैं.
दरअसल 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला अलवर का सरिस्का बाघों के लिए विशेष स्थान रखता है. सरिस्का में अभी 18 बाघ और बाघिन हैं. इसमें 6 युवा बाघ और बाघिन भी शामिल हैं. इनका नामकरण अभी कुछ दिनों पहले सरिस्का प्रशासन ने किया था.
बाघ ST-18 सरिस्का क्षेत्र से निकलकर राजगढ़ और रैणी क्षेत्र के जंगल में पहुच गया है. यह जंगल सरिस्का से लगा हुआ है. यहां मानव का दखल दूसरी जगह से ज्यादा है, इसलिए जैसे ही सरिस्का प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत बाघ की मॉनिटरिंग के लिए टीम तैनात की है.
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बाघ पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग में 8 से 10 लोगों की टीमें लगी हुई हैं. यह टीम 24 घंटे लगातार बाघ के पगमार्क और हलचल पर नजर रख रही है. इसके अलावा ड्रोन और थर्मल के जरिए भी बाघ की मॉनिटरिंग की जा रही है.