अलवर.शहर में पुराना कटला, भटियार गली और शहर के विभिन्न बाजारों में एसडीएम के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तेल और खाद्य सामग्री के सैंपल लिए. इस दौरान बाजार में हड़कंप मच गया. दुकानदार अपनी दुकानों को बंद करके जाने लगे.
जांच के नाम पर होती है खानापूर्ति इससे पहले ही दीवाली के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए थे, जब तक उनकी रिपोर्ट आई थी. खाद्य सामग्री बाजार में बिक चुकी थी, जिन लोगों के सैंपल फेल हुए. विभाग की तरफ से उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं. मिलावट खोर जमकर खाद्य पदार्थों में मिलावट करते हैं, आए दिन पुलिस मिलावटी दूध और मावा की मिठाई पकड़ती है.
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एसडीएम योगेश डागुर ने कहा कि कलेक्टर के निर्देश पर बाजार से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए हैं. इनको जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा. क्योंकि खाद्य कानून में जब तक सैंपल फेल नहीं होता है. व्यापारी और विक्रेता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा सकता है. अगर खाद्य पदार्थ और सामग्री दिखने में खराब नजर आती है तो उसको नष्ट करा सकते हैं. सैंपल फेल होने के बाद भी एक महीने तक व्यापारी और दुकानदार को अपील के लिए मौका दिया जाता है. उसके बाद न्यायालय में चालान पेश किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाएगा और आगे भी जांच पड़ताल की जाएगी.
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अलवर बन चुका है मिलावटखोरों का अड्डा
अलवर मिलावटखोरों का अड्डा बन चुका है. अलवर से प्रतिदिन लाखों लीटर दूध दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा एनसीआर क्षेत्र में सप्लाई होता है. इसके अलावा मिठाई, मावा, पनीर और तेल मसाला के अन्य खाद्य पदार्थ सप्लाई होता है. डिमांड ज्यादा होने के कारण आसानी से मिलावट का सामान पूरे एनसीआर में सप्लाई होता है.