अलवर.आज के समय में जहां जमीन के लिए भाई-भाई के बीच विवाद होता है, बेटा पिता का हत्यारा बन जाता है. ऐसे समय में अलवर के एक छोटे से गांव में बच्चों का भविष्य बनाने के लिए एक बुजुर्ग ने अपने पैसे से जमीन खरीदी और स्कूल के लिए दान कर दी. आज उस जगह पर ट्रेन के डिब्बों के डिजाइन का बहुत ही आर्कषक स्कूल भवन बना हुआ है.
आसपास के कई गांव के बच्चे यहां पढ़ाई करने आते हैं. जिले से महज 23 किलोमीटर दूर कालीखोल गांव के एक व्यक्ति ने ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसे सुनने के बाद सभी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं. कालीखोल गांव में रहने वाले ओम प्रसाद नाम के एक बुजुर्ग ने कुछ साल पहले करीब तीन लाख रुपए में एक बीघा जमीन खरीदी. खुद एक झोपड़ी में रहते हैं, लेकिन गांव के बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए उन्होंने अपनी यह जमीन गांव स्कूल को दान कर दी.
बढ़ रही है बच्चों की संख्या...
स्कूल के प्रधानाचार्य और ग्रामीणों के प्रयास से उस जगह पर शिक्षा विभाग की तरफ से 19 लाख 75 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया. ग्रामीणों ने मिलकर ट्रेन के डिब्बे के आकार में स्कूल भवन का निर्माण कराया. स्कूल भवन को देखने के लिए आसपास के गांव से बच्चे और लोग आने लगे तो धीरे-धीरे यह भवन चर्चाओं का विषय बन गया. कुछ साल पहले इस स्कूल में करीब 150 बच्चे थे. आज उनकी संख्या बढ़कर 260 हो चुकी है. आसपास के कई गांव से बच्चे पढ़ाई करने के लिए यहां आते हैं. तो वहीं, निजी स्कूलों से भी बच्चे नाम कटवा कर इस स्कूल में प्रवेश ले रहे हैं.