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अलवर: किसानों के हौसले के आगे आंधी-तूफान भी पस्त, टेंट उखड़े लेकिन धरना जारी - अलवर आंधी-तूफान

अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को आंधी-तूफान का भी सामना करना पड़ा है. यहां आंधी-तूफान ने मचाई भारी तबाही हुई. किसानों के तंबू उखड़े, सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया.

Alwar news,  Storm cause inconvenience
किसानों के हौसले के आगे आंधी-तूफान भी पस्त

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Published : Mar 31, 2021, 2:11 PM IST

अलवर.बीते 2 दिनों से लगातार धूल भरी हवाएं चल रही है. मंगलवार को तो पूरे दिन आंधी-तूफान जैसे हालात बन रखे हैं. इसका सबसे ज्यादा नुकसान अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को झेलना पड़ा. आंधी-तूफान ने मचाई भारी तबाही हुई. किसानों के तंबू उखड़े, सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया. लेकिन, किसानों के हौसले फिर भी बुलंद हैं और किसानों का धरना जारी है.

टेंट उखड़े के बाद भी किसानों का धरना जारी...

अलवर के शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर सुबह से शुरू हुआ. आंधी-तूफान का दौर देर शाम तक भी लगातार जारी रहा. तेज हवाओं से किसानों के तम्बू उड़ गए और सभा स्थल भी पूरी तरह से तहस-नहस हो गया. हालांकि, आंधी-तूफान में भारी नुकसान हुआ है. लेकिन, फिर भी मोर्चे पर मौजूद किसानों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं और किसान कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. तमाम मुसीबतों को झेलते हुए मांगे पूरी होने तक लड़ाई जारी रखने के संकल्प के साथ मोर्चे पर डटे हुए हैं.

आंधी के चलते किसानों के टेंट उखड़े...

पढ़ें:गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मनाई होली, टिकैत बोले- सुधर जाए सरकार

मोर्चे पर आमसभा के स्थान पर अलग-अलग समूहों में सामूहिक चर्चाओं का आयोजन किया गया. इन समूह-चर्चाओं में किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर और सरकार की नीतियों पर विस्तार-पूर्वक चर्चा की. किसानों ने कहा कि समूह-चर्चाओं में हिस्सा लेते हुए कानूनों के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करते हुए समाज के अलग अलग हिस्सों पर होने वाले प्रभावों को स्पष्ट किया.

आंधी-तूफान से किसानों के टेंट को हुआ नुकसान

आने वाले दिनों में अलग अलग विषयों पर समूह-चर्चाओं के आयोजन का फैसला लिया गया है. किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों किसी कानून वापस नहीं लेती, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों की तरफ से हुए नुकसान के बाद फिर से टेंट को लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बड़ी संख्या में सीमा पर टेंट लगे हुए 107 दिनों से लगातार किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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