अलवर. जिले के बानसूर से विधायक रहे व पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते हुए उनके पक्ष में बयान दिए हैं. इसके बाद से लगातार वह विवादों में बने हुए हैं. पार्टी की तरफ से हाल ही में रोहिताश शर्मा को नोटिस दिया गया है. रोहिताश शर्मा रविवार को अलवर पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब अब वह लिखित में बिंदुवार देंगे. नोटिस देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष को मुझसे बात कर लेनी चाहिए थी. अगर उन्हें मेरी शक्ल से इतनी नफरत है तो टेलीफोन से ही बात कर मेरा पक्ष जान सकते थे.
रोहिताश शर्मा ने कहा कि पार्टी के वर्च्युअल फोरम में मैंने कार्यकर्ताओं की समस्या उठाई थी कि पैसे के अभाव में कोरोना पीड़ितों की मदद करने में परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार में प्रदेश के 3 मंत्री हैं. उनको जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं को संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए थे. इसपर पार्टी की ओऱ से अभियान चलाया गया था. कोरोना पीड़ितों के सहयोग के लिए वो अधिक कारगर हो सकता है. क्योंकि पैसे और संसाधनों के अभाव में सीएमएचओ ओर अन्य प्रशासनिक अधिकारी भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की सुनवाई नही कर रहे थे. यह बात पार्टी के फोरम पर उठाए जाने से प्रदेश के नेताओं को खटक रही है.
संशय में थे, लेकिन अब देंगे नोटिस का जवाब
उन्होंने वर्चुअल मीटिंग की बातचीत को लीक किया और नोटिस दिया गया जो कि सीक्रेट होता है. उसको भी लीक किया गया. मीडिया ने जो सवाल पूछे तो उनका भी जवाब दिया. पार्टी ने जो नोटिस दिया है, उसका जवाब अब वह लिखित में देंगे. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि उन्हें जो नोटिस मिला था. वह प्रदेश महामंत्री की ओर से जारी किया गया था. इसमें प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार या संगठन महामंत्री के आदेशों का कोई जिक्र नहीं था. इसलिए यह नोटिस फेक हो सकता है, यह संशय था. लेकिन रात को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया की ओर से मीडिया को बयान दिया था जिसमें उन्होंने जिक्र किया था. नोटिस देने की बात उनकी जानकारी में है. यह बात समाचारों में सुनने के बाद उनका संशय दूर हो गया और अब वो लिखित में नोटिस का बिंदुवार जवाब देंगे.