अलवर.जिले की तहसील में शुक्रवार को रीडर और स्टाम्प विक्रेताओं ने सरकार के फैसले के विरोध स्वरूप हड़ताल रखी. इस दौरान कामकाज ठप रहा. तो वहीं दूर-दराज के गांव से तहसील में आने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. अलवर तहसील में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं. वहीं, हड़ताल के दौरान स्टांप विक्रेताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया और अपनी समस्या रखी.
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ओर से अधिवक्ता समुदाय वसीका नवीस और पक्षकारों को बिना विश्वास में लिए पंजीयन और उत्तर विभाग की ओर से अधिवक्ता समुदाय वसीका नवीस सेवक कारों को बिना विश्वास दिए नए प्रयोग कर दस्तावेज पंजीयन में बाधा उत्पन्न की जा रही है.
पंजीयन विभाग की ओर से NIC सर्वर के माध्यम से दस्तावेजों के पंजीयन में आए दिन नए बदलाव किए जा रहे हैं. मोबाइल नंबर के साथ ये ऑप्शन जोड़ा गया है कि सभी विक्रेताओं को ओटीपी आएगा उसके बाद ही सभी पक्षकार उसे कंफर्म करेंगे. इसके पश्चात दस्तावेज रीडिंग का कार्य संपन्न होगा. जिसमें कम से कम 30 से 40 मिनट का समय लगता है. सामान्य तरीके से दस्तावेज पंजीयन कराने में लगभग सारा दिन लग जाता है. लेकिन इस तरीके से दस्तावेज पंजीयन कराना असंभव सा हो गया है. इससे साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ गया है. पक्षकार ओटीपी बताने में भी आनाकानी करते हैं और सवाल जवाब पूछते हैं. जिसका संतुष्टि पूर्ण जवाब देने में रीडर वेस्टर्न विक्रेताओं को खासी परेशानी होती है.