अलवर. राजस्थान का सीमावर्ती जिला होने के नाते हर रोज अलवर से हजारों हीटर शराब की तस्करी होती है. तस्कर कई नए तरीकों से शराब की तस्करी करते हैं. लेकिन तस्करी के साथ ही अलवर में कच्ची शराब की डिमांड भी जमकर रही है. मोटा मुनाफा कमाने के लालच में लोग इस व्यवसाय से जुड़ रहे हैं.
अलवर में बढ़ी शराब तस्करी आबकारी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो लॉकडाउन के दौरान अलवर में जमकर कच्ची शराब बनी और उसकी तस्करी हुई. हालांकि आबकारी विभाग का दावा है कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में आबकारी विभाग की टीम की तरफ से कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई. लेकिन उसके बाद भी लगातार यह सिलसिला जारी है.
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आबकारी विभाग के रिकॉर्ड पर नजर डाले तो अलवर में आबकारी के साथ थाने हैं. इनमें अप्रैल 2020 से अब तक 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए. इस दौरान 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया और बड़ी संख्या में वाहन भी जब्त किए गए. साथ ही इसमें विभिन्न धाराएं शामिल है.
सीमावर्ती जिला होने के कारण लगातार अलवर से प्रतिदिन शराब की तस्करी होती है. वहीं, तस्करी करने के तरीकों में भी बदलाव देखने को मिला है. पहले लग्जरी गाड़ियों में शराब की तस्करी होती थी. लेकिन अब कंटेनर में बड़े-बड़े ट्रकों में शराब एक जगह से दूसरी जगह जाती है. आबकारी विभाग की तरफ से लगातार हथकढ़ शराब के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन दो से तीन जगहों पर शराब की भट्टियों को आबकारी विभाग की ओर से तोड़ा जाता था.