अलवर.जिले के रामगढ़ क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने को लेकर सिख समाज के पूर्व ग्रंथीके केश काटे (hair cut case of former granthi of Sikh society) जाने की घटना तूल पकड़ती जा रही है. गुरुद्वारे में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोगों ने इस संबंध में बैठक (Sikh society held meeting in the Gurdwara) भी की है. सिख समाज के लोग घटना को लेकर आगे की रणनीति भी तय कर रहे हैं. आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है. उसके बाद हजारों की संख्या में हिंदू और सिख समाज के लोग रामगढ़ थाने के बाहर जमा हुए और लगातार पुलिस व प्रशासन के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है.
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अलावड़ा और मिलकपुर गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है. इसके अलावा रामगढ़ में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. आला अधिकारी लगातार पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस मामले में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक पीड़ित ने बयान में कहा है कि हमलावरों के हाथ में छुरा था. इसलिए हत्या की धारा में भी मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के आला अधिकारियों को फिलहाल रामगढ़ में तैनात कर दिया गया है. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इस मामले को उदयपुर की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है. इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है और बयानबाजी का सिलसिला भी शुरू हो चुका है.
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पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि पीड़ित ने अपने बयान में बताया कि आरोपियों ने उसकी आंख में मिर्ची डाली और फिर आंखों पर पट्टी बांध दी. पीड़ित ने आरोपियों से कहा कि वह इस क्षेत्र का रहने वाला नहीं है. वह तो सिख समाज का पंडित है. इसके बाद आरोपियों ने अपने साथियों को फोन कर बातचीत की फिर उसके केश काट दिए और फरार हो गए. कुछ देर तक कोई भी हलचल नहीं होने पर पीड़ित ने अपने केश उठाए कुछ दूरी पर जाकर स्थानीय लोगों को घटना के बारे में जानकारी दी.