अलवर.किसानों ने किसान आंदोलन के दौरान दम तोड़ चुके किसानों के नाम पर स्मारक बनाने का फैसला लिया है. शाहजहांपुर बॉर्डर पर हाईवे के बीचों-बीच डिवाइडर पर स्मारक निर्माण कराने की तैयारी कर ली है. देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई मिट्टी का इस्तेमाल इसमें किया जाएगा. शाहजहांपुर-हरियाणा बॉर्डर पर अब तक हजारों स्थानों से एकत्रित की गई मिट्टी पहुंच चुकी है. एक-दो दिन बाद बॉर्डर पर हाईवे के बीच डिवाइडर पर यह स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी.
देश भर से मिट्टी आने का सिलसिला शुरू किसान नेताओं का कहना है, अब तक देशभर में किसान आंदोलन के तहत 350 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं. इन किसानों की स्मृति में यह स्मारक बनाया जाएगा. देशभर से लाई गई मिट्टी को एकत्रित करने का काम चल रहा है.
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शाहजहांपुर-हरियाणा बॉर्डर पर 2 दिसंबर से किसानों का आंदोलन जारी है. शुरुआत में किसानों ने बॉर्डर के पास पड़ाव डाला था. यह पड़ाव 12 दिसंबर से नेशनल हाईवे पर आ गया. उसके बाद से किसान लगातार नेशनल हाईवे पर आंदोलनरत हैं. किसान नेताओं ने कहा, देश में विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु पाई जाती है. इसलिए देश में हर प्रकार की फसल की उपज होती है. जमीनों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट कंपनियों का कब्जा कराना चाहती हैं. केंद्र सरकार इन कंपनियों को देश की खाद्य-सुरक्षा पर कब्जा देकर मनमानी करना चाहती है. इसके विरोध में किसानों का चल रहा प्रदर्शन और किसानों की अब तक हुई शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
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किसान आंदोलन को गति देने के लिए किसानों की तरफ से निर्धारित कार्यक्रम
- 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाया जाएगा. देशभर में FCI के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा.
- 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए केएमपी ब्लॉक किया जाएगा.
- 13 अप्रैल को वैशाखी का त्योहार दिल्ली की सीमाओं पर मनाया जाएगा.
- 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सविंधान बचाओ दिवस मनाया जाएगा.
- 1 मई को मजदूर दिवस दिल्ली के बॉर्डर पर मनाया जाएगा, इस दिन सभी कार्यक्रम मजदूर किसान एकता को समर्पित होगा.
- मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच किया जाएगा, इसमें महिलाएं, दलित-आदिवासी-बहुजन, बेरोजगार युवा और समाज का हर तबका शामिल होगा.
- यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से शांतिपूर्ण होगा. अपने गावों और शहरों से दिल्ली के बॉर्डर तक लोग अपने वाहनों से आएंगे. इसके बाद दिल्ली के अनेक बॉर्डर तक पैदल मार्च किया जाएगा.