अलवर.गर्मी के साथ ही अलवर में मौसमी बीमारियों का प्रभाव भी नजर (seasonal diseases in Alwar) आने लगा है. डेंगू, मलेरिया के साथ डायरिया, उल्टी-दस्त के मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल में प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है जिस कारण सुबह से लोग लाइन लगा लेते हैं. सभी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार देखने को मिल रही है. अलवर का राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में मरीजों की कतार लग रही है. अलवर के अलावा दौसा, भरतपुर, मथुरा के आसपास जिलों और राज्यों से भी इलाज के लिए मरीज यहां आते हैं.
सुबह से ही मरीजों की लंबी कतार अस्पताल में लग जाती है. पर्ची बनवाने से लेकर दवाई लेने तक सभी जगहों पर मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. गर्मी बढ़ने से डायरिया, उल्टी-दस्त के अलावा डेंगू, मलेरिया के मच्छरों से होने वाली बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही हैं. ऐसे में डॉक्टर लोगों को सावधानी बरतने की (doctor precautionary measure for summer season) सलाह देते हैं. धूप से बचने के साथ ही तरल पदार्थ का ज्यादा सेवन करना इस मौसम में लाभकारी होता है.
इस बार ज्यादा बीमार पड़ने की संभावना: डॉक्टर ने बताया कि कोरोना के चलते 2 साल तक लोग अपने घरों में रहे, पौष्टिक भोजन का सेवन किया. ऐसे में मौसमी बीमारियों का प्रभाव आम सालों की तुलना में कम रहा था. लेकिन इस बार मौसमी बीमारियों का प्रभाव ज्यादा रहने की संभावना है. इसीलिए बाहर की तली हुई और खुले में बिकने वाली चीजों से बचें, क्योंकि इस मौसम में डायरिया की परेशानी सबसे ज्यादा होती है. मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के भी मरीज हॉस्पिटल में आने लगे हैं. कोरोना का प्रभाव अब कम हो चुका है, लेकिन प्रतिदिन कोरोना के इलाज के लिए भी मरीज अस्पताल आ रहे हैं. प्रतिदिन तीन से चार नए पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. बीच में कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की संख्या शून्य हो गई थी.