अलवर. राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा न्यायालय अलवर जिले में है. अलवर में 40 से अधिक न्यायालय है. जिनमें 5 हजार से अधिक अधिवक्ता प्रैक्टिस करते हैं. लॉकडाउन के दौरान न्यायालय पूरी तरह से बंद रही थी. हालांकि कुछ समय बाद न्यायालय में कामकाज शुरू हुआ. लेकिन अभी पूरी तरह से न्यायालय शुरू नहीं हुए हैं. न्यायालय में केवल बेल और रिमांड की प्रक्रिया चल रही है. इसमें भी ज्यादातर कामकाज ऑनलाइन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किए जा रहे हैं.
ऐसे में अधिवक्ताओं का काम पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. जिसके कारण अधिवक्ताओं के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. अलवर में सभी विधानसभा क्षेत्र में भी न्यायालय परिसर है. जिनमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता काम करते हैं. न्यायालय में अधिवक्ताओं के अलावा स्टांप विक्रेता, टाइपराइटर, खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदार, चाय की दुकान और अन्य सामान की लगाने वाले दुकानदार सहित कई ऐसे लोग हैं, जो विभिन्न काम करते हैं. कोरोना काल में सभी का काम बंद है. सबसे ज्यादा परेशानी नए वकीलों को आ रही है.
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नए वकीलों को जल्दी से काम नहीं मिलता है. केवल बेल और वारंट का काम होने के कारण लोग नए वकीलों को काम देने से बचते हैं. ऐसे में प्रतिदिन न्यायालय में अभ्यास करने वाले हजारों की संख्या में नए अधिवक्ता खासे परेशान हैं. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से अधिवक्ताओं को अन्य कार्य करने की अनुमति दी गई है. लेकिन अधिवक्ताओं का कहना है कि उनका काम फुल टाइम जॉब है. अगर वो न्यायालय नहीं आएंगे तो उनके केस उनके पास से चले जाएंगे. ऐसे में आने वाले समय में उनको और परेशानी हो सकती है. इसलिए उनको न्याय ले आना जरूरी होता है. ऐसे में दूसरे को नया दिलवाने वाले अधिवक्ता इन दिनों खुद न्याय के लिए परेशान हैं.
न्यायालय में करवाया गया सैनिटाइजर का काम