अलवर. गोविंदगढ़ मॉब लिंचिंग मामले में विवादास्पद बयान देने वाले भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा से दोपहर करीब 1 बजे से पूछताछ शुरू हुई. शुक्रवार 19 अगस्त को चिरंजी लाल सैनी (Chiranji Lal Lynching case) के परिजनों से मिलने पहुंचे ज्ञानदेव ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बयान दिया था. आम बातचीत का उनका वीडियो पब्लिक डोमेन में आते ही सियासी हलचल मच गई थी फिर गोविंदगढ़ थाने में उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो गई (Ramgarh Police Interrogate BJP Leader). इस वीडियो में भड़काऊ भाषण के आरोप में फंसे आहूजा पुलिस के नोटिस पर रामगढ़ डीएसपी कार्यालय पहुंचे थे.
ज्ञानदेव बोले- अभी खुलासा नहीं करूंगा:भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा से जांच अधिकारी DSP रामगढ़ कमल मीणा ने 2 घंटे पूछताछ की. पुलिस ने वायरल वीडियो के संबंध में कई सवाल किए. इस दौरान 57 प्रश्न किए गए. बाद में ज्ञानदेव आहूजा ने कहा नोटिस मिलने के बाद पूछताछ के लिए आया था. मैंने कुछ गलत नहीं कहा और पुलिस के सवालों के जवाब दिए हैं. इस मामले में जब पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी। उसके बाद इस मामले पर बोलूंगा. उन्होंने कहा कि अभी जांच और पूछताछ का खुलासा नही कर सकता हूं.
निजी बातचीत की बनाई वीडियो: वायरल वीडियो को लेकर आहूजा ने स्पष्ट किया कि वो कभी भी मुस्लिम विरोधी नहीं रहे. वो सिर्फ अपराधी के खिलाफ रहे हैं. बीते 30 साल की राजनीति में वो सभी वर्ग के विधायक रहे हैं. यही कारण है कि उनके घर में भारी संख्या में क्षेत्र के मेव समुदाय के लोग अपनी फरियाद लेकर आते रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो वीडियो सामने आई है वो पूरी तरह से काट छांट करके बनाया गया है. करीब आधा घंटे वो आपसी बातचीत करते रहे. उस समय जो प्रसंग उठे उस पर लंबी बातचीत हुई. मैंने किसी पत्रकार को कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया. उक्त वीडियो गुपचुप तरीके से बनाकर षड्यंत्र के तहत काट छांट कर प्रस्तुत किया गया है. आहूजा ने दावा किया कि वहां बैठे षड्यंत्रकारियों का पर्दाफाश भाजपा कार्यकर्ताओं सहित पूरे क्षेत्र के लोगों के बीच हो चुका है.
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