अलवर.रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले का ट्रायल अलवर के एडीजे कोर्ट में चल रहा है. रकबर के परिजनों ने न्यायालय पर सवाल उठाते हुए ट्रायल किसी अन्य कोर्ट में करवाने के लिए याचिका दायर की है. लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी. रकबर के परिजन एडीजे कोर्ट नंबर 1 के न्यायाधीश से न्याय की उम्मीद नहीं होने की बात कह रहे हैं. साथ ही न्यायधीश की आरोपियों से सांठगांठ की आशंका भी जता रहे हैं. परिजनों का कहना है कि आरोपी लगातार उनको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.
अलवर के रामगढ़ थाना अंतर्गत अलावंडी गांव में 2018 में रकबर खान की मॉब लिंचिंग हुई थी. अब परिवार वालों ने अलवर में जिला सेशन जज के सामने प्रार्थना पत्र देकर एडीजे नंबर वन से मामले को ट्रांसफर कराने की गुहार लगाई है. मंगलवार को सुनवाई के बाद जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने इस मामले को दूसरी कोर्ट में स्थानांतरण करने के प्रार्थना पत्र को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि मॉब लिंचिंग के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा डीजे नंबर वन को स्पेशल कोर्ट बनाया गया है. यह उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है.
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रकबर के परिजनों के वकील मोहम्मद इशाक ने बताया कि मॉब लिंचिंग का मामला अलवर की एडीजे कोर्ट 1 में चल रहा है. यह केस ट्रांसफर करने के लिए जिला जज के सामने एप्लीकेशन लगाई गई है. रकबर की मां हबीबल व इस मामले के मुख्य गवाह असलम ने जज पर आरोपियों को लाभ देने की बात कही और कहा कि इस मामले में आरोपी बरी हो जाएंगे. इसलिए परिजन इस मामले को दूसरे न्यायालय में ट्रांसफर कराने की मांग कर रहे हैं. लोक अभियोजन अशोक शर्मा ने बताया कि जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने इस मामले को अस्वीकार कर दिया है. क्योंकि एडीजे नंबर वन कोर्ट मॉब लिंचिंग के लिए बनाई गई है. यह कोर्ट राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाई गई थी.
इस मामले में एडीजे नंबर टू में आज अभियुक्तों व गवाहों के बयान कराए गए हैं और 15 फरवरी से अंतिम बहस शुरू होगी. मृतक रकबर के दादा मोहम्मद सदीक ने बताया कि 6 फरवरी 2021 को इस संबंध में जिला जज के प्रार्थना पत्र दिया गया था. न्यायालय में रकबर का मामला चल रहा है. वहां न्याय की उम्मीद कम है. एक आरोपी को जमानत मिल गई है. मुख्य गवाह असलम को लगातार मारने की धमकी दी जा रही है.
मृतक रकबर के भाई ने भी बताया कि आरोपी पक्ष की रिश्तेदारी हमारे गांव में है. उनके द्वारा लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है. आरोपी धर्म को लेकर भी अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं. रकबर के परिजनों का कहना है कि आरोपियों की न्यायालय में साठगांठ चलती है. जेल से छूटने के बाद उनको भी मार देंगे.