अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल का नेत्र विभाग प्रदेश में अपनी विशेष पहचान बना रहा है. अलवर के सामान्य अस्पताल में नेत्र के ऑपरेशन कराने के लिए आसपास के जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्य से लोग आते हैं. प्रदेश के जिला अस्पतालों की बात करें तो सबसे ज्यादा नेत्र के ऑपरेशन अलवर के सामान्य अस्पताल में ही होते हैं. इसमें ज्यादातर बुजुर्ग शामिल हैं. ऐसे में साफ है कि सैकड़ों बुजुर्गों के जीवन में रोशनी देने में अलवर का सामान्य अस्पताल प्रमुख भूमिका निभा रहा है.
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जयपुर के बाद अलवर सबसे बड़ा जिला है. यहां के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रतिमाह मेडिकल कॉलेज के बराबर 3500 से 4000 मरीजों की ओपीडी रहती है. वार्ड में 500 मरीज हमेशा भर्ती रहते हैं. सामान्य अस्पताल में आसपास के जिलों व राज्यों से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. दरअसल राजस्थान के इस सरकारी अस्पताल में मरीजों का इलाज भी निशुल्क होता है. उनको निशुल्क दवाओं के साथ सभी प्रकार की जांचें भी निशुल्क की जाती हैं. सामान्य अस्पताल के नेत्र वार्ड में प्रदेश में सबसे ज्यादा ऑपरेशन होते हैं. जिला अस्पताल के अलावा मेडिकल कॉलेज भी सर्जरी के मामले में राजीव गांधी सामान्य अस्पताल से पीछे है.
अलवर का राजीव गांधी सामान्य अस्पताल लोगों के जीवन में नई रोशनी देने का काम कर रहा है. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जाती है. अस्पताल में ऑपरेशन के लिए मरीज को कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है. जबकि इन्हीं ऑपरेशन के लिए मरीज को निजी अस्पताल में 35 से 50 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं. सामान्य अस्पताल में मरीज से लेंस के पैसे भी नहीं लिए जाते हैं.
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