अलवर. अलवर में नाबालिग बच्ची के साथ हुई हैवानियत कई सवाल खड़े करती है. प्रदेश के गृहमंत्री खुद सीएम गहलोत हैं इसलिए वे विपक्ष के निशाने (politics on alwar rape case) पर भी हैं. जन्मदिन मनाने राजस्थान आईं प्रियंका गांधी ने यूपी में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का लुभावना नारा दिया, लेकिन वे अलवर पीड़िता से मिले बिना लौट गईं. इस मामले को लेकर किरोड़ी लाल मीणा प्रियंका से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया. घटना के चार दिन बाद तक पुलिस के हाथ खाली हैं. ऐसे में सवाल उठने लाजिमी भी हैं.
दिल्ली में निर्भया कांड के बाद अलवर में विमंदित बालिका (Alwar Dumb Deaf Girl Case) के साथ हुई हैवानियत की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. यह घटना निर्भया कांड से भी भयावह और गंभीर है, क्योंकि पीड़िता विमंदित नाबालिग बालिका है. वह कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. तीखा राजनीतिक विरोध होने के कारण अलवर की यह वारदात सरकार के गले की हड्डी बन चुकी है.
राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी यह मुद्दा सुनाई दे रहा है. ऐसे में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी खुद अपने बयानों से बदलते नजर आ रहे हैं. 3 दिन बीतने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं.
मंगल की रात अमंगल
मंगलवार देर शाम 7 बजकर 35 मिनट पर अलवर के तिजारा ओवर ब्रिज पर 15 साल की विमंदित बालिका लहूलुहान हालत में पुलिस को मिली. उसके प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी. पुलिस ने बालिका को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया. हालत गंभीर होने पर बालिका को जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जेके लोन अस्पताल में फिलहाल बालिका का इलाज चल रहा है. राजस्थान रेप मामलों (rape cases in rajasthan) में देश में बदनाम रहा है.
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5 घंटे चला जटिल ऑपरेशन
बालिका की हालत बेहद चिंताजनक थी. करीब 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बालिका की शौच की नली को पेट से निकाला. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करके सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद सियासी आरोपों की झड़ी लग गई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मामले की जांच पड़ताल के लिए एक कमेटी बनाई. सतीश पूनिया सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे. बच्ची का जेके लोन अस्पताल में इलाज (Treatment of rape victim in Jaipur JK Lone) चल रहा है.
तीखा राजनीतिक विरोध
पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के सभी नेताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. जाहिर है कि गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में प्रदेश में होने वाली आपराधिक घटनाओं के लिए पुलिस और गृह विभाग जिम्मेदार है. ऐसे में विपक्ष ने सीएम गहलोत पर जमकर निशाने साधे. यह मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया. मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री ने प्रियंका गांधी को नसीहत दी. किरोड़ी लाल मीणा तो सवाई माधोपुर में जन्मदिन मनाने पहुंची प्रियंका गांधी से मिलने जा पहुंचे. लेकिन उन्हें प्रियंका से मिलने नहीं दिया गया.
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चुनाव तक सुनाई देगा यह मुद्दा
अलवर घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर चहुंओर से आरोपों की बौछार हो रही है. प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी अलवर का यह मुद्दा सुनाई देने लगा है. राज्य सरकार पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि घटना 4 दिन बीतने के बाद भी अभी तक इस में पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार इस मामले में लीपा-पोती कर रही है.
जिला कलेक्टर का यू-टर्न
शुक्रवार को अलवर के जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने अपने ही एसपी के बयान का खंडन करते हुए कहा कि जब तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं आती दुष्कर्म कहना गलत होगा. जबकि घटना के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने प्राथमिक तौर पर दुष्कर्म की बात कही व दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज की. हाल ही में बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी कहा कि दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. जबकि भाजपा लगातार इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है. भाजपा के नेताओं ने कहा कि सरकार इस कलंक से बचने के लिए मामले को दबा रही है. मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. इन सबके बीच 4 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.