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अलवरः ट्रेनों के संचालन के लिए प्रदेश सरकार ने रेलवे को दिए 7 लाख रुपए - ट्रेन संचालन के लिए रेलवे को रुपए

प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन की मदद से उनके घर पहुंचाया जा रहा है. इस दौरान ट्रेन में 1440 प्रवासी श्रमिकों को भेजा जा रहा है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के लिए एक ट्रेन रवाना होगी. वहीं प्रदेश सरकार ट्रेन संचालन के लिए रेलवे को 7 लाख रुपए दी है.

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प्रदेश सरकार रेलवे को दिया 7 लाख रुपए

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Published : May 15, 2020, 1:20 PM IST

अलवर. प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन की मदद से उनके घर पहुंचाया जा रहा है. गुरुवार को 2 ट्रेनें बिहार के लिए रवाना की गई हैं. वहीं शुक्रवार को एक ट्रेन उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के लिए रवाना की जाएगी. इस दौरान एक ट्रेन में 1440 प्रवासी श्रमिकों को भेजा जा रहा है.

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कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के लिए खर्चा वहन करने की बात कही थी. जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रमिकों को घर पहुंचाने के आदेश दिए हैं. साथ ही श्रमिकों का किराया खुद वहन करने की बात कही है. इसके तहत लगातार अलवर जिले से बसों के माध्यम से श्रमिकों को विभिन्न राज्यों के शहरों में पहुचाया जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को दो ट्रेनें बिहार के लिए रवाना की गई है. ट्रेन के लिए सरकार की तरफ से 7 लाख रुपए रेलवे में जमा किए गए हैं.

अलवर प्रशासन की तरफ से 10 ट्रेनों की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन अभी 7 ट्रेनों की अनुमति मिली है. वहीं अधिकारियों ने कहा कि 16 मई शाम 5 बजे उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, 17 मई को बिहार के छपरा और यूपी के गाजीपुर के लिए ट्रेन चलाई जाएगी. 18 मई को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के लिए ट्रेन चलाई जाएगी. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेन चलाने की अनुमति मिली है.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम रामचरण शर्मा ने बताया की ट्रेनों को चलाने की अनुमति मिल चुकी है. 18 मई तक ट्रेन चलाने का चार्ट तैयार हो चुका है. जिन श्रमिकों ने ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था. केवल उन श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से घर भेजा जाएगा. प्रशासन की तरफ से अन्य लोगों के स्टेशन पहुंचने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.

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वहीं प्रशासन के अधिकारी स्टेशन के बाहर ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की लिस्ट लेकर खड़े होते हैं. उसके बाद प्रत्येक डिब्बे के हिसाब से श्रमिकों को ट्रेन में बैठाया जाता है. एक सीट पर एक यात्री को बैठने की अनुमति दी गई है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग करने के अलावा स्टेशन पर श्रमिक को सैनिटाइज भी किया जाता है.

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