अलवर/भरतपुर. प्रदेश में मेघ जमकर मेहरबान हो रहे हैं. हालांकि इससे किसानों को कहीं राहत महसूस हुई, तो कहीं उनके चेहरे पर मायूसी छा गई. अलवर में किसानों ने गेहूं की बुवाई कर दी. अब बारिश के चलते उन्हें खेत में पानी नहीं देना होगा. वहीं भरतपुर में किसान इसलिए परेशान हैं कि खेतों में पानी भरने के चलते बुवाई नहीं कर पा रहे. बारिश से हुए फसलों के नुकसान को लेकर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सीएम से मुआवजे की मांग की (Demand of compensation for ruined crops) है.
मानसून की विदाई के बाद अलवर में हो रही बारिश ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है. अलवर में बीते दो दिन से रुक-रुक कर बारिश हो रही है. ऐसे में गेहूं व सरसों की फसल को इस बारिश से फायदा होगा. बीते दिनों हुई बारिश के चलते बाजरे की फसल खराब हो गई थी. इस बारिश के बाद रात का तापमान 3 से 4 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है, जो गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है. अलवर में किसान ने गेहूं की बुवाई का काम शुरू कर दिया है. 2 दिन से हो रही बारिश के चलते किसान को खेत में पानी नहीं देना होगा.
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अलवर जिले में सितंबर माह के आखिरी दिनों में ठीकठाक बारिश होने से औसत बारिश का कोटा पूरा हो सका. अलवर में हो रही बारिश के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के आसपास पहुंचा है, तो वहीं अधिकतम तापमान 23 से 24 डिग्री के आसपास बना हुआ है. मौसम विभाग की मानें तो आगामी दिनों में बारिश का दौर जारी रह सकता है. बारिश के बाद अलवर की बरसाती नदियां भी चलती हुई नजर आईं. ऐसे में सिलीसेढ़ व जयसमंद बांध में भी पानी की आवक हुई है.
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किसानों ने कहा कि इस बारिश से सरसों की फसल को बड़ा फायदा होगा. जिले में अगेती सरसों की बुआई हो चुकी है. उस फसल को भी लाभ है. इसके अलावा जिस क्षेत्र में बुआई होना बाकी है, वहां खेतों में पानी देने की जरूरत नहीं है. जिसे किसान पलेव बोलते हैं. अब बिना पलेव के गेहूं व सरसों की बुआई हो सकेगी. इससे बिजली की बचत भी होगी. वैसे भी प्रदेश भर में बिजली संकट का दौर चल रहा है.
भरतपुर में किसान चिंतित:नदबई में पिछले तीन-चार दिनों से बूंदाबांदी का दौर जारी है. किसानों ने सरसों की बुवाई के लिए खेत तैयार कर दिए हैं. लेकिन मौसम के करवट लेने से किसान चिंता में (Farmers worried due to rain) हैं. कहीं बूंदाबांदी, तो कहीं तेज बारिश होने से किसान चितिंत हैं. बरसात के डर से वे बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है.
दूसरी ओर कुछ गांव में किसान इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि अब बरसात से समय पर सरसों की फसल की बुवाई नहीं हो पायेगी. क्योंकि सरसों की बुवाई का समय 15 अक्टूबर तक माना जाता है. किसान माधो सिंह ने बताया कि सरसों की बुवाई के लिए तैयार हैं, लेकिन दोबारा से बारिश का मौसम बन गया है. अल सुबह बारिश होने से कई जगह खेतों में पानी भर गया है. जिससे किसान बुवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.
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किसानों का कहना है कि इस बारिश से पहले हुई बारिश ने खेतों में कटी पड़ी खरीफ की फसल बर्बाद कर दी. अब बारिश होने से रवि की फसल की बुवाई में देरी हो रही है. आपको बता दें मौसम में बदलाव के बाद तापमान में गिरावट आई और मौसम में ठंडक बनी हुई है. आज दिन का तापमान 23 डिग्री दर्ज हुआ. तड़के बारिश होने से नदबई थाना भी जलमग्न हो गया. फरियादियों को थाने में जाने के लिए पानी में से होकर निकलना पड़ा.
बारिश से गिरा मकान, परिवार ने भाग कर बचाई जान अलवर के रामगढ़ उपखंड के नगली मेघा में एक मकान गिर गया. जिससे घर में सो रहे परिवार के 3 लोगों ने बाहर भागकर जान बचाई. मकान गिरने से करीब 3 से 4 लाख का नुकसान बताया जा रहा है. मकान गिरने से बैड, सोफा, एलईडी टीवी, अलमारी सहित घर का सामना खराब हो गया है. वहीं परिवार के लोग अब मलबे में दबा हुआ सामान सुरक्षित करने में जुटे हुए हैं. मकान गिरने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन मौके पर पहुंच गया और नुकसान का जायजा लिया.
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मलिंगा ने की गिरदावरी और मुआवजे की मांग: बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने जिले में अधिक बरसात से खरीफ फसल बर्बाद होने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा (Malinga writes to CM for girdawari) है. मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए पत्र में मलिंगा ने फसल खराबे की गिरदावरी करा किसानों के लिए मुआवजे की मांग रखी है. पत्र में मलिंगा ने बताया कि जिले में हुई बरसात से बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार की फसल में भारी नुकसान हुआ है. बरसात होने की वजह से फसल और चारा खेतों में ही बर्बाद हो चुका है. आगामी रबी फसल की बुवाई पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं. सरसों की बुवाई पिछड़ चुकी है. विधायक ने फसल खराबे की गिरदावरी कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है.