अलवर.सरिस्का में फिलहाल पांच बाघ-बाघिनों के रेडियो कॉलर लगा है, लेकिन सभी खराब हालत में हैं. एक भी बाघ के रेडियो कॉलर काम नहीं कर रहा है. अभी बाघिन एसटी- 2, 3 9 व 10 तथा बाघ एसटी- 13 को रेडियो कॉलर लगा है. बाघ एसटी-13 का रेडियो कॉलर (Radio Collars On Tigers In Sariska) अभी बदला जाना है.
रेडियो कॉलर की उपयोगिता पर चर्चा
नए बाघों के रेडियो कॉलर लगाने का फैसला 3 फरवरी को लिया जाएगा. इसके लिए सरिस्का में कॉफ्रेंस की जा रही है. इसमें बाघों को रेडियो कॉलर की जरूरत या रेडियो कॉलर नहीं लगाने पर मंथन किया जाएगा. इस कॉन्फ्रेंस में एनटीसीए, भारतीय वन्यजीव संस्थान, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक सरिस्का बाघ परियोजना के अधिकारियों के साथ बाघों के लिए रेडियो कॉलर की उपयोगिता पर चर्चा की जाएगी.