अलवर:राजस्थान का अलवर जिला जनसंख्या घनत्व के हिसाब से अन्य जिलों से बड़ा है. अलवर में 11 विधानसभा और तीन संसदीय क्षेत्र लगते हैं. राजस्थान में सबसे ज्यादा औद्योगिक इकाई और औद्योगिक क्षेत्र भी अलवर में ही हैं. एनसीआर का हिस्सा होने के कारण यहां पर विकास के कार्य और अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा होते हैं. ऐसे में पीडब्ल्यूडी विभाग को हर माह करीब 100 करोड़ पर बजट की जरूरत होती है.
अलवर में बजट की कमी की वजह से रूक सकता है पीडब्ल्यूडी विभाग का काम लंबे कुछ समय से बजट की कमी के चलते पीडब्ल्यूडी विभाग के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. कुछ महीने पहले पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्य करने वाले ठेकेदारों ने कामकाज बंद करके धरना भी दिया था. हालांकि उसके बाद सरकार से पैसे मिलने के बाद उनका पेमेंट कर दिया गया. लेकिन अब भी कई ठेकेदार हैं, जो अपने काम का पैसा लेने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग में चक्कर लगा रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं, ऐसे में विकास कार्य भी शुरू हुए हैं.
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एनसीआर की योजनाओं के तहत करीब 68 करोड़ रुपए ठेकेदारों के बकाया चल रहे हैं. इसके अलावा अन्य कार्यों के लिए 30 करोड़ रुपए के बजट की अलग से जरूरत है. इस हिसाब से पीडब्ल्यूडी विभाग को इस समय करीब 100 करोड रुपए बजट की आवश्यकता है.
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पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अलवर जिले में करीब 100 करोड़ के काम हो चुके हैं. ऐसे में ठेकेदारों को कार्य का भुगतान किया जाना है. बजट की कमी के चलते अभी भुगतान नहीं किया गया है. लेकिन आने वाले समय में भुगतान नहीं होने से कामकाज प्रभावित हो सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि विकास कार्य शुरू हो चुके हैं. कुछ काम अभी टेंडर प्रक्रिया में हैं. जबकि कुछ के लिए टेंडर लगाए जाएंगे. ऐसे में देखना होगा कि सरकार की तरफ से बजट की कमी को कब तक पूरा किया जाता है.