अलवर.केंद्र सरकार जहां एक और डाकघर के माध्यम से आमजन को जोड़ने का प्रयास कर रही है और डाक विभाग की अपनी बैंक ही खाली है. लेकिन, डाकघर में काम करने वाले कर्मचारियों एवं मिलने वाली सुविधाओं के कारण अल्प बचत अभिकर्ता एवं ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि कर्मचारी काम करना नहीं चाहता, जिससे डाकघर की अल्प बचत योजनाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है. ये बात आज उस वक्त सामने आई जब अलवर शहर के मोती डूंगरी स्थित डाकघर में लगी लोक अदालत में शिकायतों का लंबा अंबार लग गया. यहां डाक अदालतों में आए ग्राहकों एवं बचत अभिकर्ताओं ने डाकघर में कार्यरत कर्मचारियों की जमकर शिकायत की.
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मुख्य डाकघर के प्रवर अधीक्षक एलएस पटेल ने बताया कि लोक अदालत में सरकार की स्कीमों की जानकारी दी गई. जो भी शिकायतें हैं, उनको दूर करने का प्रयास किया गया. लोगों को आश्वासन दिया गया है कि शीघ्र ही उनका समाधान किया जाएगा और अन्य डाक घरों में भी व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी.
अल्प बचत अभिकर्ता संजय भारद्वाज ने बताया कि पिछले 28 साल से वह अल्प बचत की योजनाओं का काम कर रहे हैं. लेकिन, कभी भी इस पोस्ट ऑफिस से हमें संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिया गया. यहां कार्यरत 2 कर्मचारियों का व्यवहार इतना खराब है कि वह किसी भी बात पर कोई जवाब नहीं देते और ना ही सरकारी योजनाओं की उनको पूरी जानकारी है. यहां डाकघर में प्रिंटर खराब है. बैटरी यूपीएस खराब रहते हैं, जिससे हमारी पासबुक एंट्री नहीं हो पाती तो ग्राहकों को भी जवाब देना पड़ता है. उन्होंने बताया कि हमनें प्रवर अधीक्षक के समक्ष कलमबद बयान दिए हैं और अगर यहां भी सुनवाई नहीं हुई तो उच्च अधिकारियों से शिकायत की जाएगी. उन्होंने डाकघर के दोनों कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि वह हमें चोर समझते हैं, जबकि वह 28 साल से पूरे तरीके से केंद्र सरकार की अल्प बचत की योजनाओं के तहत काम कर रहे हैं.
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वहीं, अन्य अभिकर्ता विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि पिछली बार लोक अदालत में शिकायत की थी. उन्होंने इस संबंध में लिखित बयान दर्ज कराया है. इस लोक अदालत में करीब दो दर्जन शिकायत आई है, जिनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया गया है.