अलवर. हर साल किसान को खून के आंसू रुलाने वाला प्याज इस बार किसान के जीवन में खुशहाली लेकर आया है. जहां देशभर में प्याज के आसमान छूते भावों ने सब को परेशान किया है. वहीं इसके उलट अलवर में किसानों के घर में उत्सव का माहौल है.
विशेषतज्ञों और किसानों के अनुसार, दिसंबर माह तक प्याज की आवक मंडी में बनी रहेगी. इस साल महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व कर्नाटक में भारी बारिश होने के कारण प्याज की फसल खराब हो गई थी. ऐसे में देशभर में इस समय अलवर से प्याज सप्लाई हो रही है. अलवर मंडी में प्रतिदिन 40 से 50 हजार कट्टों की आवक हो रही है.
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अलवर मंडी प्याज की देश की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. नासिक के बाद सबसे अधिक प्याज अलवर की मंडी में आता है व अलवर से देश-विदेश में सप्लाई होता है. हालांकि इस साल प्याज की कमी व बढ़ते हुए दामों को देखते हुए सरकार ने देश से बाहर प्याज बेचने पर रोक लगा रखी है. लेकिन उसके बाद भी लगातार प्याज के दामों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसे में अलवर के किसान खासे खुश हैं.
यहां हर साल प्याज के दाम कौड़ियों के भाव रहते हैं. 4 से 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसान को मजबूरी में अपने प्याज बेचनी पड़ती है. ऐसे में किसान को खासा घाटा उठाना पड़ता है तो वहीं उनकी लागत भी नहीं मिल पाती थी. ऐसे में कई साल बाद किसान को प्याज के बेहतर दाम मिल रहे हैं. अलवर मंडी में थोक रेट में प्याज 65 रुपए प्रति किलो के भाव तक बिक रहा है.
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