अलवर. जिले में प्री मानसून से पहले होने वाली बारिश की शुरुआत हो चुकी है. बारिश के चलते तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है. इस बार बीते सालों की तुलना में बेहतर बारिश होने की संभावना जताई गई है. बता दें कि अलवर जिले में भूमि का जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. आए दिन पानी की कमी हो रही है. जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे रहता है.
अलवर में प्री मानसून, बारिश शुरू बीते कुछ सालों से लगातार अलवर में कम बारिश हो रही है, जिससे भूमि का जल स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है, लेकिन इस बार मौसम विभाग ने अलवर के आसपास क्षेत्र में बेहतर बारिश होने की संभावना जताई है. ऐसे में सिंचाई विभाग की तरफ से बारिश की तैयारियां कर ली गई है. सभी नेहरों की सफाई करा दी गई है, तो वहीं कुछ बांधों के आसपास मिट्टी हटाने का काम भी किया गया है. अधिकारियों की मानें तो जिला पूरी तरीके से तैयार है. अलवर जिले में 200 से अधिक पानी के बांध हैंस जिनमें 24 बड़े हैं, जबकि 120 बांध छोटे हैं.
बारिश से पहले शहर के सभी बड़े नालों की सफाई होना जरूरी है, लेकिन अभी तक नगर परिषद की तरफ से अलवर शहर के नालों की सफाई नहीं कराई गई है. सभी नाले गंदगी से अटे हुए हैं. ऐसे में बारिश के दौरान नाले में भरी गंदगी सड़क पर आएगी. इससे कई तरह की बीमारी फैलने का खतरा हो सकता है. अलवर में बारिश के बाद बरसाती नदी और नालों में पानी आता है. ऐसे में इस बार बेहतर बारिश होने से भूमिगत जल स्तर में सुधार हो सकता है. मौसम विभाग की मानें तो जुलाई के मध्य में मानसून की शुरुआत हो सकती है.
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बता दें कि अलवर जिले में सिलीसेढ़ झील, जयसमंद झील और मंगलसर डेम सहित 20 से अधिक बड़े बांध हैं, जिनमें लाखों लीटर पानी जमा होता है. कुछ बांध ऐसे हैं, जिनमें साल भर पानी रहता है. वहीं बारिश से पहले शहर के सभी बड़े नालों की सफाई होना आवश्यक है, लेकिन नगर परिषद की तरफ से इस बार नालों की सफाई नहीं कराई गई है. ऐसे में थोड़ी बारिश के दौरान भी नालों की गंदगी बह कर सड़क पर आती है.