अलवर.भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास समय की कमी है. ऐसे में फिट रहने के लिए घंटों जिम या मैदान में पसीना बहाना संभव नहीं है. लेकिन फिट रहना भी जरूरी है. लॉकडाउन के चलते जिम, पार्क और सभी ट्रेनिंग सेंटर पूरे तरीके से बंद हो गए हैं. जिससे लोगों का वजन बढ़ रहा है. इसके अलावा कोरोना के संक्रमण के डर से लोग घरों में बंद हैं.
साइकिल चला कर बढ़ रहे हैं शरीर की इम्यूनिटी लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद अलवर की सड़कों पर सुबह और शाम के समय लोग बड़ी संख्या में साइकिल चलाते हुए नजर आने लगे हैं. साइकिल के व्यापार से जुड़े हुए लोगों ने कहा की लॉकडाउन खुलने के बाद अचानक साइकिल की डिमांड बढ़ने लगी है. पहले केवल बच्चे साइकिल चलाते थे. लेकिन अब बड़ी संख्या में लोग स्पोर्ट्स साइकिल खरीद रहे हैं. अलवर में साइक्लिंग ग्रुप भी बन चुके हैं. बता दें कि अलवर में साइकिल के 9 डीलर हैं. जबकि 400 से अधिक साइकिल की दुकानें हैं.
खुद को फिट रखने के लिए 20 साल से लेकर 50 साल तक के लोग साइकिल चला रहे हैं. पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी साइकिल चलाने के लिए आगे आ रही हैं. वहीं अब चाइना से साइकिल का इंपोर्ट होना बंद हो गया है. ऐसे में कई देसी साइकिल की कंपनियों ने लोगों की डिमांड के अनुसार नए प्रोडक्ट और नए मॉडल लगातार बाजारों में उतार रहें हैं. बाजार में 4 हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए और उससे भी अधिक कीमत की साइकिल मौजूद है. कोरोना काल में वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरीके से रोक लग गई थी. ऐसे में लोगों ने साइकिल चलाना शुरू किया. साइकिल चलाने के कई फायदे हैं जैसे आपका शरीर तो फिट होगा ही साथ ही साथ पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा.
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विशेषज्ञ साइकिल को एक बेस्ट एक्सरसाइज मानते हैं. इससे पूरी बॉडी फिट होती है. अलवर शहर में युवाओं के कई साइकिलिंग ग्रुप बने हुए हैं. जो लगातार सुबह साइकिल चलाकर लोगों को साइकिल चलाने और सेहत बनाने का संदेश देते हैं. साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से साइकिल चलाने का इवेंट रखा गया. इसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने बाला किला से लेकर सिलीसेढ़ तक साइकिल चलाई थी.