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अलवर के सरिस्का में पैंथर की मौत...शरीर पर मिले बाघ के पगमार्क

सरिस्का टाइगर रिजर्व के रामपुर क्षेत्र में एक पैंथर की मौत का मामला सामने आया है. इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जानकारी के अनुसार पैंथर के शरीर पर बाघ के पगमार्क मिले हैं. फिलहाल इसकी जांच की जा रही है.

panther dies at sariska, forest department
अलवर के सरिस्का में पैंथर की मौत

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Published : Dec 30, 2020, 9:23 PM IST

अलवर.सरिस्का के रामपुर क्षेत्र में बुधवार को एक पैंथर की मौत हो गई. मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस दौरान पैंथर के शव के पास बाघ के पगमार्क मिले हैं. इसके अलावा पैंथर के गले और अन्य जगहों पर चोट के निशान मिले हैं. इससे साफ है कि बाघ से संघर्ष के दौरान पैंथर की जान गई है. सरिस्का के अधिकारियों ने पैंथर के पोस्टमार्टम के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार किया है.

अलवर के सरिस्का के रामपुर क्षेत्र के जंगलों में बुधवार को सुबह के समय एक पैंथर मरा हुआ मिला. लोगों ने इसकी जानकारी सरिस्का प्रशासन को दी. मामले की सूचना मिलने के बाद तुरंत सरिस्का के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया गया. वन विभाग को पैंथर के शव के आसपास बाघ के एगमार्क मिले हैं. जांच-पड़ताल में वन विभाग के अधिकारियों को पता चला कि पगमार्क ST-15 के हैं. पैंथर के गले और शरीर पर भी चोट के निशान मिले हैं. इस पर ताल वृक्ष रेंज में पैंथर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है. उसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया.

वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मरने वाले पैंथर की उम्र करीब साढ़े तीन साल के आसपास थी. मृतक मेल पैंथर था. इस तरह से उसके शरीर पर चोट के निशान मिले हैं और पैंथर के शव के आसपास बाघ के पगमार्क मिले हैं, उससे साफ है कि दोनों के बीच संघर्ष हुआ. इसमें पैंथर की जान गई है. हालांकि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. इस क्षेत्र के आसपास लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग भी चेक होगी.

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डॉक्टरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा. सरिस्का में इससे पहले कई पैंथर की मौत हो चुकी है. आए दिन पैंथर और बाघ के बीच संघर्ष के मामले सामने आते हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से एहतियात बरती जा रही है. सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि बाघ की मॉनिटरिंग में लगी टीम लगातार पगमार्क और कैमरा के माध्यम से बाघों पर नजर रखती है. बाघों की मॉनिटरिंग में 24 घंटे वन विभाग की टीम लगी रहती है. इसमें वन विभाग का कर्मचारी, स्थानीय गार्ड और बॉर्डर होमगार्ड शामिल होते हैं.

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