अलवर.जिले में 10 दिन के दौरान 323 बच्चे संक्रमित हुए. जिले के राजकीय शिशु अस्पताल में सिर्फ 28 दिन तक के बच्चाें काे भर्ती करने के लिए 20 रेडियंट वार्मर का न्यूबाेर्न केयर यूनिट एसएनसीयू है. लेकिन 28 दिन से 12 साल तक के बच्चाें के लिए पीआईसीयू नहीं है.
जिले के निजी अस्पतालों में भी सीमित संसाधन है. निजी अस्पताल की बात करें ताे जिला मुख्यालय पर 3 या 4 निजी अस्पतालाें में 25 बैड के पीआईसीयू की व्यवस्था है और करीब 10 वेंटीलेटर हैं. जिले की कुल करीब 42 लाख की आबादी में से 18 साल तक के बच्चाें और युवाओ की संख्या करीब 16 लाख है. 12 साल तक के बच्चाें के इलाज के लिए जिले में सरकारी और प्राइवेट स्तर पर 47 ही शिशुराेग विशेषज्ञ हैं.
अलवर के शिशु अस्पताल में 11 व सीएचसी स्तर पर 16 शिशुराेग विशेषज्ञ हैं. यानी 21 पदाें के विरुद्ध 27 डाॅक्टर लगे हुए हैं. तीसरी लहर के दौरान बच्चों को परेशानी हो सकती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चों के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. अलवर के शिशु अस्पताल में 70 बेड की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा रहेगी. इसके लिए ऑक्सीजन की लाइन डालने का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा 20 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा. इसमें 5 वेंटिलेटर की सुविधा रहेगी. आवश्यकता पड़ने पर वेंटीलेटर की संख्या बढ़ाई जा सकेगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही ऑक्सीजन लाइन डालने का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा इलाज में काम आने वाली जरूरी दवाओं की डिमांड स्वास्थ विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है. जल्द ही दवाई इंजेक्शन पहने जरूरी सामान अलवर पहुंच जाएंगे.
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