अलवर: दिवाली का नाम आते ही सजावटी सामान की याद आती है. दिवाली से करीब 20 दिन पहले से ही बाजार सज जाते हैं. लोग अपने घर, ऑफिस और दुकान को सजाने के लिए तरह-तरह के सजावटी सामान खरीदते हैं. अलवर से देश भर में यह सामान सप्लाई होता है. इसमें अनेकों तरह की मूर्ति, झालर, स्टीकर, बांदरवाल, लाइट और दिए सहित कई सामान हैं. इस बार कोरोना वायरस के चलते सजावटी सामान की डिमांड कम है. इसका नुकसान हजारों लाखों लोगों को उठाना पड़ रहा है. व्यापारियों की मानें तो केवल 50 से 100 किलोमीटर तक ही व्यापार सिमट कर रह गया है.
अलवर में बना हुआ सामान सस्ता और अन्य जगहों की तुलना में बेहतर क्वॉलिटी का होता है. देश के अलावा कई अन्य देशों में भी अलवर से सामान जाता है. कोरोना के चलते इस बार कामकाज और व्यापार पूरी तरह से ठप है. ऐसे में लाखों लोग बेरोजगार हो गए. हालांकि 6 महीने के लंबे लॉकडाउन के बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं. जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है, लेकिन अभी लोग बाजार में खरीदारी के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. हालांकि बाजार में लोगों की भीड़ है, लेकिन बीते सालों की तुलना में व्यापार में मुनाफा उतना नहीं है. दिवाली में महज 10 से भी कम समय बचा है. ऐसे में व्यापारी खासा परेशान हैं.
व्यापारियों से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि इस बार उनका बिजनेस केवल 50 से 100 किमी के दायरे में सिमट कर रह गया है. लोग अपने घरों के लिए छोटे-मोटे सामान खरीदने के लिए ही आ रहे हैं. वहीं कोरोना काल में लोग घर को सजाने के लिए भी सीमित पैसा खर्च कर रहे हैं. केवल जरूरत की चीजें ही बिक रही हैं. कम बजट के सामान पर लोगों का ज्यादा ध्यान है. ऐसे में यह साल पूरा व्यापार की दृष्टि से खासा प्रभावित रहा.
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