अलवर. कोरोना के चलते राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड आसपास के सभी राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में लोग अस्थियों का विसर्जन के लिए हरिद्वार, कासगंज में पड़ने वाले स्थान शोरोन, इलाहाबाद और अन्य गंगा घाटों पर नहीं जा पा रहे हैं. प्रशासन की तरफ से भी लोगों को आने-जाने की अनुमति नहीं है. ऐसे में लोग परेशान हैं, साथ ही सैकड़ों लोगों की अस्थियां विसर्जन के लिए रखी हैं.
अलवर में प्रतिदिन मरने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. सामान्य तरह से मरने वालों के साथ ही कोरोना से प्रतिदिन 10 से अधिक लोगों की जान जा रही है. बीते दिनों यह आंकड़ा 20 से अधिक हो गया था. अब कुछ दिनों से मरने वाले लोगों की संख्या में कुछ कमी आई है. हिंदू धर्म में मरने के बाद गंगा में विधि-विधान से अस्थियों का विसर्जन होता है. कहते हैं अस्थियों के विसर्जन के साथ ही कर्मकांड के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन अलवर में मरने के बाद भी मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो रही है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते राजस्थान में 24 मई तक लॉकडाउन है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड सहित आस-पास के राज्यों में भी लॉकडाउन लगा हुआ है.
लॉकडाउन ने लगाई विसर्जन पर रोक
लॉकडाउन के चलते लोगों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है. बीते दिनों अलवर से उत्तर प्रदेश की तरफ जा रही रोडवेज बस को भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रवेश की अनुमति नहीं दी. जिसके चलते रोडवेज बस को वापस लौटना पड़ा. लगातार लोग प्रशासन से अनुमति और पास बनाने की मांग कर रहे हैं. तो वहीं बसों की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई.
मोक्षधाम, धर्मशाला, पेड़ों पर अस्थियां
लोगों ने मजबूरी में अपनों की अस्थियां मोक्ष धाम, पुरुषार्थी समाज की धर्मशाला और अन्य जगहों पर रख दी हैं. अलवर शहर में पुरुषार्थी समाज की दो धर्मशालाएं हैं. दोनों धर्मशाला में करीब 200 से अधिक लोगों की अस्थियां रखी हुई हैं. समाज की तरफ से अस्थियों की सुबह शाम के समय पूजा की जाती है. सम्मान के साथ सभी अस्थियों को लॉकर में रखा गया है. अब लॉकर भरने से अस्थियों को टेबल कुर्सी पर रखा गया है.
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