अलवर. जिले में 135 से अधिक ईंट भट्टे हैं. कोरोना में एनजीटी की रोक के चलते अलवर में ईंट भट्टे बंद हैं. हर साल नवंबर माह से जुलाई माह तक ईंट भट्टों का संचालन होता है. एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ईंट भट्टों को जिक जैक टेक्नोलॉजी में कन्वर्ट किया गया है. अलवर में 130 भट्टे जिक जैक में कन्वर्ट हो चुके हैं. यह तकनीक सामान्य ईंट भट्टों की तकनीक से महंगे होते हैं. इसलिए ईंट भट्टा संचालक को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, नई तकनीक में कई गुना खर्च बढ़ गया है.
सरकार व एनजीटी के दबाव के चलते अधिकतर ईंट भट्टे जिक जैक तकनीक में कन्वर्ट हो चुके हैं. अभी केवल करीब 5 भट्टे पुरानी तकनीक पर हैं, वो भी बंद हैं. कोरोना काल में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अलवर से पूरे एनसीआर के ईंट भट्टों पर रोक लगा दी गई थी.
पढ़ें-उदयपुर: किसान के बेटे का BARC में साइंटिस्ट पद के लिए चयन
ऐसे में 11 जनवरी को भट्टों के संचालन पर फैसला होगा. एनजीटी में इस मामले की सुनवाई होनी है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि अलवर सहित एनसीआर के भट्टे बंद हैं. 10 जनवरी को एनजीटी में इस मामले की सुनवाई होनी है. उसके बाद संचालन पर फैसला होगा.