अलवर. पूर्व मंत्री नसरू खां ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप लगाए हैं. गुरुवार को मीडिया के बात करते हुए उन्होने कहा कि आगे कई और बड़े खुलासे होंगे. रामगढ़ क्षेत्र में 400 से 500 बीघा जमीन की गड़बड़ी का मामला (Land Misappropriation Case in Alwar) सामने आ रहा है. पूर्व मंत्री जयपुर में मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसरू खाने रामगढ़ तहसीलदार व पटवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मिलीभगत करके सरकारी जमीन को निजी लोगों के नाम दर्ज किया गया है.
रामगढ़ क्षेत्र में एक बीघा जमीन की कीमत करीब 50 लाख है. इस हिसाब से करोड़ों की यह जमीन है. उन्होंने कहा कि 67 बीघा चारागाह जमीन व 29 बीघा जमीन यूआईटी की गुपचुप तरह से अनियमितता बरते हुए गैर कानूनी रूप से लोगों के नाम आवंटित की गई. उन्होंने कहा कि चारागाह जमीन को आवंटित करने का अधिकार उपखंड अधिकारी को होता है, जबकि सरकार के आदेश पर सरकारी कार्यों के लिए केवल दो बीघा जमीन आवंटित की जा सकती है. उसके बदले भी दूसरी जगह पर चारागाह के लिए दो बीघा जमीन देनी पढ़ती है.
उन्होंने कहा कि यूआईटी की जमीन का मालिकाना हक यूआईटी के नाम दर्ज है, लेकिन उसके बाद भी यूआईटी के अधिकारी चुप है. साल भर का किसान अपनी जमीन को ऑनलाइन करवाने व अपने नाम दर्ज करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते हैं, लेकिन उसके बाद भी उनकी जमीन उनके नाम नहीं चढ़ पाती है उन्होंने कहा कि एक बार तहसीलदार के लीडर को भी एसीबी ने पकड़ा था. उस समय लीडर ने कहा कि उसने तहसीलदार के लिए रिश्वत ली है, लेकिन उसके बाद भी एसीबी ने तहसीलदार को नहीं पकड़ा.