अलवर. जिले में 15 जून से मानसून का काउंटडाउन शुरू हो जाएगा. जिसे देखते हुए यहां बांधों की सफाई, गेटों की मरम्मत सहित अन्य कार्य सिंचाई विभाग की तरफ से शुरू कर दिए गए हैं. बांधों के आस-पास क्षेत्र की सफाई के साथ अतिक्रमण भी हटाया गया है. जिससे बांधों में ज्यादा पानी आ सके. सिंचाई विभाग की मानें तो अलवर जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं हैं, इसलिए बारिश का खास इंतजार रहता है.
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश वर्मा ने बताया कि 15 जून से मानसून सक्रिय होने के आसार हैं. इसके मद्देनजर जिले के सभी बांधों के रख-रखाव सहित आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. जिले के हर बांध पर पांच-पांच कर्मचारियों को तैनात किया गया है. मिट्टी के कट्टे भरकर तैयार किए गए हैं ताकि बांधों में किसी भी तरह का कोई भी रिसाव या पानी निकलता है तो उनको बंद किया जा सके.
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मानसून से पहले की तैयारियां
अलवर में 149 बांध हैं, लेकिन सिंचाई विभाग के पास 22 बांध हैं. अन्य बांध पंचायत व ग्राम समिति की देख-रेख में हैं. मानसून आने से पहले अलवर जिले में बांधों के रखरखाव के लिए तैयारियां की जा रही हैं. मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में 15 जून से मानसून आने की संभावना है. इसके मद्देनजर अलवर में भी जल संसाधन विभाग सतर्क है.
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बांधों की सफाई, मरम्मत का काम पूरा
जिले में 22 बड़े बांध हैं. इसमें सिलीसेढ़ झील, जयसमंद बांध, मंगलसर बांध, मानसरोवर बांध शामिल हैं. सभी की सफाई शुरू हो चुकी है. बांधों के गेटों की मरम्मत की जा चुकी है. बांध के आसपास नहर की सफाई कराई गई है. सिंचाई विभाग के पास कर्मचारियों की कमी है इसलिए अस्थाई तौर पर सिंचाई विभाग की तरफ से कर्मचारी लगाए गए हैं. प्रत्येक बांध पर मिट्टी से भरे हुए कट्टे और खाली कट्टे की व्यवस्था की गई है.
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जल्द शुरू होगा कंट्रोल रूम
तय मानकों के अनुसार इंतजाम किए जा रहे हैं. बारिश के मौसम में वैसे तो अलवर के सभी बांधों में पानी आता है. लेकिन बीते कुछ सालों से कम बारिश होने के कारण बांध नहीं भर पा रहे हैं. जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं है, ऐसे में बांधों में पानी आना जरूरी है. जल्द ही बारिश मापने और बांधों पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम शुरू हो जाएगा. यह 24 घंटे काम करेगा.