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अडानी-अंबानी के दबाव में कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही मोदी सरकारः मेधा पाटकर

कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रहा किसान आंदोलन दिनों दिन बढ़ रहा है. देशभर से किसान हरियाणा सीमा पर जुटने लगे हैं. ऐसे में हरियाणा सीमा पर सैलाब उमड़ने लगा है. किसान आंदोलन में शुरुआत से ही अहम भूमिका निभाने वाली समाजसेवी मेधा पाटकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मोदी सरकार अडानी और अंबानी के हाथों बिकी गई है, पूरे देश का किसान सड़क पर है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है, आखिर केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है?

Modi government under pressure from capitalists
समाजसेवी मेधा पाटकर ने मोदी सरकार पर बोला हमला

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Published : Jan 26, 2021, 12:58 PM IST

अलवर.हरियाणा सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली समाजसेवी मेधा पाठकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान मेधा पाटकर ने कहा कि सरकार अडानी और अंबानी के हाथों बिकी गई है. पाटकर ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर तैयार है, इससे स्पष्ट है कि कृषि कानूनों में कमी है. ऐसी स्थिति में सरकार को तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए.

समाजसेवी मेधा पाटकर ने मोदी सरकार पर बोला हमला

कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रहा किसान आंदोलन दिनों दिन बढ़ रहा है. देशभर से किसान हरियाणा सीमा पर जुटने लगे हैं. ऐसे में हरियाणा सीमा पर सैलाब उमड़ने लगा है. किसान आंदोलन में शुरुआत से ही अहम भूमिका निभाने वाली समाजसेवी मेधा पाटकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मोदी सरकार अडानी और अंबानी के हाथों बिकी गई हैय पूरे देश का किसान सड़क पर है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है, आखिर केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है?

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मेधा पाटकर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कंपनियों के वेयरहाउस बनने लगे हैं, सरकार को मंडियों पर ध्यान देना चाहिए था. उन्होने कहा कि मंडियों के लिए नए कानून बनाने चाहिए थे और मंडियों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जब निजी तंत्र में इतना पैसा खर्च हो सकता है, तो सरकार खुद के तंत्र को मजबूत करने के लिए पैसा खर्च क्यों नहीं करती है?

समाजसेवी मेधा पाटकर ने कहा कि चुनाव से पहले पूंजीपतियों से वादे किए जाते हैं और चुनाव के बाद उन वादों को पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा कि देशभर में अंबानी के 11704 रिटेल स्टोर हैं, उनके लिए गोडाउन तैयार हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि 7000 शहरों में इनके जो स्टोर हैं, वह कृषि पर आधारित हैं.

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पाटकर ने कहा कि 5 रुपए का भुट्टा रिलायंस के स्टोर में 80 रुपए में बिकता है, जगह जगह उन्होंने अपना तंत्र मजबूत कर रखा है, 1 दिन की मुकेश अंबानी की आए 1000 करोड़ से अधिक है. ऐसे में साफ है कि यह सरकार पूरी तरह से दबाव में आ चुकी है, वह बिक चुकी है, इसलिए सरकार की मजबूरी हो गई है कि वह कानून वापस नहीं ले पा रही है.

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