अलवर.ESI मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ भर्ती स्कैम (Nursing Staff Recruitment Scam) मामले में अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ के पीए का नाम आने के बाद कांग्रेस बालक नाथ को घेरने में लगी है. बहरोड़ के विधायक बलजीत यादव ने बालकनाथ पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कुलदीप यादव सांसद का पीए नहीं बल्कि रिश्ते में फूफा लगता है. इसलिए बालक नाथ का पीए और कुलदीप यादव दोनों एक ही हैं.
पढ़ें- राजस्थान संविदा कर्मी भर्ती Scam : जानें कैसे हुआ घूस के इस खेल का पर्दाफाश, कौन है 'गुरूजी' ?
सांसद पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि करोड़ों-अरबों की संपत्ति का मालिक उन लोगों से पैसे मांग रहा है जिन लोगों ने उसके चुनाव प्रचार में जिंदाबाद के नारे लगाए थे. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. इसके लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे. साथ ही एक पत्र प्रधानमंत्री को भी भेजेंगे, जिसमें बालक नाथ जैसे भ्रष्टाचारी को पार्टी से निकालने की मांग करेंगे.
सांसद पर विधायक का जुबानी हमला भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को दे रहे धोखा
बहरोड़ विधायक बलजीत यादव ने सांसद को लेकर कहा कि वे भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को धोखा दे रहे हैं. मस्तनाथ मठ के करोड़ों रुपए इनके पास है. वे लाखों की घड़ी पहनते हैं, महंगे होटलों में रुकते हैं, आने-जाने के लिए चार्टर्ड हवाई जहाज और महंगी लग्जरी गाड़ियों का उपयोग करते हैं, वे साधु कैसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने 900 करोड़ रुपए की जमीन को बेचा है, जिसका कोई हिसाब नहीं है. अकेले मस्तनाथ मठ की आय करोड़ों रुपए हर महीने रहती है. उसके बाद भी उन लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं, जिन्होंने चुनाव प्रचार में अपना सहयोग किया.
सांसद बालक नाथ ने आपदा को बनाया अवसर
यादव ने कहा कि गांव के युवाओं और लोगों ने बालक नाथ के लिए आवाज उठाई. उनको जीता कर संसद में भेजा कि वो अलवर के आम आदमी की आवाज उठा सकें, लेकिन आवाज उठाना तो दूर कोरोना में आपातकाल को भी अवसर बनाते हुए बालक नाथ और उसके पीए गरीब बेसहारा लोगों से पैसा वसूल रहे हैं.
पढ़ें- राजस्थान में संविदा कर्मियों की भर्ती में बड़े घोटाले का पर्दाफाश, अलवर सांसद के PA की भूमिका संदिग्ध
एक भी युवा की नौकरी नहीं लगवाई
बलजीत यादव ने कहा कि सांसद का बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र में कोराना गांव है. उस गांव के कुछ युवा बालक नाथ के पास नौकरी के लिए गए, उस समय उन्होंने कहा कि पैसे खर्च करने होंगे और कुलदीप से मिलने की बात कही. जिस गांव के सभी बिरादरी के लोगों ने बालक नाथ के चुनाव में लाखों रुपए चंदा दिया, उनके चुनाव प्रचार में लगे रहे उन लोगों को भी बालक नाथ ने नहीं बख्शा. उस गांव के एक भी युवा की नौकरी बालक नाथ ने नहीं लगवाई.
विधायक ने रावण से की बालक नाथ की तुलना
बलजीत यादव ने सांसद बाल बालक नाथ की तुलना रावण से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से रावण साधु का भेष धारण कर सीता माता को उठा ले गया था, उसी तरह से बालक नाथ साधु का भेष धर के लोगों को ठग रहा है. जिन लोगों ने पैसे दिए उन लोगों की नौकरी लग गई और जिन लोगों के पास पैसे नहीं थे वो अब भी परेशान हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बालक नाथ साधु के नाम पर कलंक है.
मीडिया के सामने आएंगे तो पैसे नहीं मिलेंगे
विधायक ने कहा कि मैंने कुछ युवाओं से मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि हमें पैसे वापस करने की बात कही गई है. अगर मीडिया के सामने आएंगे तो हमें पैसे वापस नहीं मिलेंगे.
पढ़ें- राजस्थान संविदा कर्मी भर्ती घोटाला: अब तक चार लोग गिरफ्तार, 20 लाख रुपए नकदी बरामद
बालक नाथ को पार्टी से निकाल देना चाहिए
भाजपा और कांग्रेस पार्टी को नैतिक धर्म निभाना चाहिए. भाजपा को ऐसे भ्रष्टाचारी बाबा को अपनी पार्टी से निकाल देना चाहिए. देश के प्रधानमंत्री भी चुनाव जीतने के बाद अपनी जनता का धन्यवाद देते हैं, लेकिन बालक नाथ ने एक बार भी अलवर की जनता को धन्यवाद नहीं दिया. कोरोना की पहली लहर में बालक नाथ गायब रहे. दूसरे लहर में भी अंत में नजर आए.
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए
विधायक बलजीत यादव ने एसीबी से बहरोड़ के दलाल वकील को गिरफ्तार करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपा जाएगा. साथ ही पीएम मोदी को भी एक पत्र लिखूंगा. इस मामले में जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला...
राजस्थान में संविदा कर्मियों की भर्ती में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ (Alwar MP Baba Balak Nath) का पीए कुलदीप सिंह यादव उर्फ गुरुजी की भूमिका संदिग्ध मिली है. आरोप है कि वो भर्ती के लिए घूस लेने वाले लोगों से रिश्वत मांग रहा था. एसीबी के पास मौजूद साक्ष्यों के मुताबिक भर्ती कंपनी चार लाख रुपये देने को तैयार भी थी, लेकिन पीए पांच लाख की डिमांड कर रहा था. इसी को लेकर विवाद था.