अलवर.प्रदेश में अवैध खनन माफिया बेखौफ और बेकाबू हो चुके हैं. पुलिस और सरकार की नाक के नीचे माफिया खुलेआम अवैध खनन करते हैं. आए दिन खनन विभाग और वन विभाग की टीम पर हमला करने का मामला भी सामने आता है. रविवार सुबह सरिस्का के टहला क्षेत्र में अवैध खनन कर रहे लोगों ने एक बॉर्डर होमगार्ड पर गाड़ी चढ़ा दी. इस घटना में होमगार्ड की मौत हो गई. अलवर में आए दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन उसके बाद भी पुलिस और सरकारी विभागों के अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं.
रविवार सुबह सरिस्का के टहला क्षेत्र में हुई घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि अलवर क्षेत्र में खनन माफिया बेकाबू है. अवैध खनन रोकने के प्रयास कर रहे एक बॉर्डर होमगार्ड पर खनन माफियाओं ने गाड़ी चला दी. इस घटना में बॉर्डर होमगार्ड की मौत हो गई. अलवर अवैध खनन का गढ़ बन चुका है. इसका प्रमाण खनन विभाग के आंकड़े देख कर पता चलता है.
बीते साल दिसंबर माह तक अवैध खनन के 94 मामले पकड़े गए. इनमें से 67 बजरी अवैध खनन और अन्य पत्थर अवैध खनन के हैं. इन सब मामलों में केवल 4 मामलों में विभाग की तरफ से एफ आई आर दर्ज कराई गई. विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अवैध खनन करने वालों से 40 लाख 62 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया है.
हरियाणा में खनन पर रोक के दौरान जिले के तिजारा भिवाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन करके खान माफियाओं ने करोड़ों रुपए का मिनरल हरियाणा में भेज दिया. खान माफियाओं का यह खेल कई सालों तक चला. नतीजतन अवैध खनन से अलवर जिले की पहाड़ियां से 52 करोड़ 2 लाख 83 हजार 390 मिल्टन मिल्टन निकाला गया. इस कारण जिले को करीब 430 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इसमें ज्यादा मिल हरियाणा भेजा गया. यह खुलासा एनजीटी में जिले से संबंधित एक मामले में प्रशासन की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में हुआ है.