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अलवर के चूड़ी मार्केट में लगी आग ने रमन के सपनों को भी जला दिया...

अलवर के चूड़ी मार्केट में दिवाली के दिन दुकानों में लगी भीषण आग के दौरान वैसे तो सभी व्यापारियों को नुकसान हुआ. लेकिन अलवर के रमन खंडेलवाल पर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. रमन पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, परिवार खासा परेशान था. ऐसे में आग की घटना ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. रमन किसी तरह से जीवन को फिर शुरू करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. अपना घर और दुकान बेचकर हुए नुकसान की भरपाई तक करने को तैयार हैं.

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चूड़ी बाजार में लगी आग में जला दुकान

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Published : Nov 23, 2020, 9:41 AM IST

अलवर. अलवर की चूड़ी मार्केट में दिवाली के दिन भीषण आग में 11 व्यापारियों की 25 से अधिक दुकानें जल गईं, इस घटना में करोड़ों का नुकसान हुआ. घटना के बाद कुछ व्यापारियों ने नौकरी ढूंढना शुरू किया है, तो कुछ बाजार में दूसरी दुकान किराए पर लेकर काम शुरू करने की व्यवस्था कर रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच सांवरिया साड़ी हाउस के रमन खंडेलवाल पर आग की घटना आफत बनकर आई है.

चूड़ी बाजार में लगी आग में जला दुकान

दरसअल रमन खंडेलवाल का परिवार पहले से खासा परेशान था. उनके बेटे मृदुल खंडेलवाल ने डिग्री इन कंस्ट्रक्शन की पढ़ाई करने के लिए एरा इंस्टीट्यूट ऑफ कैटेगरी न्यूजीलैंड में एडमिशन लिया. इसके लिए करीब 30 लाख रुपए का एजुकेशन लोन लिया गया. इसी दौरान 2 साल बाद मृदुल को कैंसर हो गया. कुछ समय बाद कैंसर का इलाज कराने के लिए उसे वहां हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. अक्टूबर 2019 से मृदुल का इलाज चल रहा है. हालांकि अब उनकी हालत पहले से ठीक है ऑपरेशन भी सफल रहा. उनके इलाज में अब तक लाखों करोड़ों रुपए खर्च हो चुके है.

परिवार किसी तरह से समला ही था कि अचानक दिवाली के दिन चूड़ी मार्केट स्थित रमन की साड़ियों की दुकान में आग लग गई. इसमें रमन की दुकान व्यवस्था सामान जलकर राख हो गया. इस घटना के बाद पूरा परिवार खासा परेशान है. क्योंकि बच्चे के इलाज के लिए ही खासा कर्जा रमन और उसके परिवार ने लिया. इसमें समाज में लोगों की भी मदद मिली.

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रमन व उनकी पत्नी किसी तरह से कामकाज करके कर्ज चुकाने का सोच रहे थे कि अचानक दुकान के चलने के बाद पूरे परिवार पर मानो पहाड़ टूट गया हो. व्यापारियों ने बताया कि परिवार पर करीब 50 लाख का बैंक का कर्ज है. 30 लाख रुपए मकान का लोन है. इसके अलावा भी बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन परिवार ने लिया है. परिवार में साड़ी की दुकान ही आजीविका का एकमात्र साधन थी. अब दुकान जल चुकी है. सामान पूरी तरीके से जल चुका है. ऐसे में नए सिरे से दुकान को शुरू करने के लिए पहले दुकान की मरम्मत होगी. उसके बाद ही लाखों रुपए का सामान खरीदा जाएगा. जब जाकर कुछ काम का शुरू होगा.

रमन व उनकी पत्नी ने कहा कि उनके हालात खराब हैं. परिवार के पास आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है. ऐसे में सरकार व प्रशासन ही आखरी उम्मीद बचे हैं. परिवार के हालात इस कदर खराब है कि वो अपनी दुकान व घर दोनों बेचने के लिए तैयार हैं. खास बातचीत में अपनी परेशानी बयां करते हुए रमन व उनकी पत्नी भावुक हो गई.

उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहती कि किसी के आगे हाथ फैलाया जाए. मजबूरी में पहले भी उनके जीवन में कई तरह की दिक्कतें रही है. पहले जो कर्जा हुआ परिवार वो भी चुकाने के लिए योजना बना रहा था कि अचानक इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया है. उनके एक लड़की और लड़का है. लड़के का इलाज चल रहा है, तो वही बेटी किसी तरह से पूरे परिवार का खर्च उठा रही है. रमन ने सरकार और प्रशासन पर विश्वास करते हुए कहा कि उनको आश्वासन दिया गया है कि उनकी मदद होगी. अब केवल आश्वासन में मदद पर ही उनकी जिंदगी टिकी है.

दुकान में जला लाखों का सामान

दिवाली के दिन दुकान में लगी आग के दौरान लाखों का सामान जल गया. प्रशासन द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार सांवरिया साड़ी हाउस में करीब 18 लाख का सामान जला है. परिवार पहले से बेटे के इलाज में एक करोड़ से अधिक पैसा खर्च कर चुका है.

बेटे के इलाज में लोगों ने किया था मदद

मृदुल के इलाज में 30 लाख से ज्यादा राशि 500 से अधिक लोगों ने मिलकर जुटाई. इसमें अधिकतर न्यूजीलैंड की दो से तीन कंपनियों के लोग हैं. इन सब लोगों ने मिलकर यह राशि मृदुल के इलाज के लिए एकत्रित करके दी. इसके अलावा कई लाख रुपए की मदद खंडेलवाल समाज के अलग-अलग परिवारों द्वारा दोस्तों द्वारा एकत्रित करके दी गई.

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