अलवर.सरिस्का के जंगलों में लगी आग की रफ्तार अब धीमी होने लगी है. इस समय केवल कलाकडी के जंगल में आग लगी हुई है और उसको काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जबकि अन्य जगहों के जंगल पर काबू पा लिया गया है. जयपुर, दौसा, भरतपुर सहित आसपास जिलों की टीमें भी आग बुझाने के लिए अलवर पहुंची है. हेलीकॉप्टर से आग बुझाने के प्रयास दूसरे दिन भी जारी है. बता दें, सरिस्का के जंगल में तीन दिनों से आग लग रही है. आग तेजी से फैल रही थी. 20 किलोमीटर से ज्यादा का क्षेत्र जलकर राख हो गया. इसमें सरिस्का के पेड़ और छोटे वन्यजीवों की मौत हुई है. हालांकि, सरिस्का प्रशासन की तरफ से नुकसान की जानकारी नहीं दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि अगर हवा नहीं चली तो बुधवार शाम तक आग पर काबू पा लिया जाएगा.
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर बुधवार को अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरिस्का के मुख्य जंगल में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन बाहरी एरिया में आबादी के पास कुछ जगहों पर आग लग रही है. एयरफोर्स की तरफ से आग पर काबू पाने की जानकारी दी गई है, लेकिन आगामी एक सप्ताह तक सरिस्का के जंगलों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा. इस दौरान सूखे ठूंठ और घास में मिलने वाली चिंगारी को पानी डालकर और पत्तों से बुझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक आग में जानवर और किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है. हालांकि, वन विभाग की टीम लगातार जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही आग लगने के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है. उसके लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही हेलीकॉप्टरों को अभी अलवर में ही रखा जाएगा. आग में किसी भी तरह की जनहानि की सूचना नहीं मिली है. सांप, बिच्छू खरगोश और अन्य छोटे जानवर मरे हैं उसकी जांच पड़ताल की जा रही है.
तोमर ने कहा कि आग बुझाने में अलवर के अलावा आसपास जिलों के स्टाफ भी लगे हुए हैं. एनडीआरएफ सहित अन्य टीमें भी लगातार आग बुझाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच पड़ताल चल रही है. इस पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है. साथ ही आगामी समय में फिर आग नहीं लगे, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्रीय फॉरेस्ट विभाग की तरफ से आग लगने का अलर्ट जारी किया गया था, उससे पहले वन विभाग को आग लगने की जानकारी मिल चुकी थी. केंद्रीय फॉरेस्ट विभाग की तरफ से दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर सरिस्का में आग लगने का अलर्ट जारी किया गया था. सेटेलाइट इमेज के माध्यम से यह अलर्ट जारी किए जाते हैं, लेकिन फॉरेस्ट विभाग को दोपहर 3 बजे ही इसकी जानकारी मिल गई थी. उसके बाद से लगातार रेंजर और अन्य वन विभाग के अधिकारी आग बुझाने के काम में लग गए थे. उन्होंने कहा कि आग पर अगले दिन सुबह 5 बजे तक काबू पा लिया गया था, लेकिन उसके बाद दिन में चली तेज हवा के कारण अचानक आग बढ़ गई.