अलवर.जिल का पांडुपोल मेला अपनी विशेष पहचान रखता है. मेले के दौरान मंदिर समिति की तरफ से हनुमान जी की प्रतिमा को फूलों से सजाया गया. मंगलवार को सुबह 4 बजे मंगल आरती हुई और सुबह 10 बजे सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ हुआ. दोपहर 12 बजे श्रंगार आरती हुई, तो रात को जागरण किया गया. बुधवार को सुबह मंगल आरती के बाद मेले का समापन होगा.
पांडुपोल मेले में उमड़ी भक्तों की भीड़ बता दें कि पहले दिन मेले में कम श्रद्धालु पहुंचे, लेकिन मंगलवार को सुबह से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. लाखों की संख्या में लोग सरिस्का स्थित पांडुपोल मंदिर में पहुंचे. इस बार सरिस्का प्रशासन की तरफ से पैदल यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया गया, इसलिए रोडवेज की तरफ से 50 से अधिक बसें यात्रियों को लाने ले जाने के लिए लगाई गई थी.
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मेले में अलवर के सांसद महंत बालक नाथ ने हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की और हनुमान जी के दर्शन किए. शांतिपूर्ण मेला संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से भी पूरे इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिए 500 से अधिक पुलिसकर्मी मेले में चप्पे-चप्पे पर लगाए गए हैं. इसके अलावा प्रशासन की तरफ से मजिस्ट्रेट सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी तैनात किए गए हैं.
मेले का शुभारंभ सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर मुख्य अतिथि मेला मजिस्ट्रेट अमित वर्मा ने मंदिर परिसर में हनुमान जी की प्रतिमा की विधि विधान से पूजा अर्चना की. इस मौके पर मंदिर के महंत रणक भंवर शर्मा, मंदिर कमेटी कोषाध्यक्ष बाबूलाल शर्मा, पंडित ललित मोहन शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्य अतिथि से हनुमान जी की पूजा अर्चना कर आई.
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पूजन के साथ ही मेले की शुरुआत हुई. मेले के दौरान प्रशासन की तरफ से बसें लगाई गई, लेकिन लोग अपने वाहनों से आते जाते हुए नजर आए. मेले के दौरान गंदगी को लेकर खास सावधानी बरती गई. दरअसल भर्तहरि और पांडुपोल मेले में गंदगी के बाद थानागाजी राजगढ़ मालाखेड़ा सहित आसपास क्षेत्र में डेंगू मलेरिया सहित कई गंभीर बीमारी फैलने का खतरा रहता है, इसलिए इस बार प्रशासन की तरफ से इस ओर विशेष ध्यान दिया गया है.